– दलालों को पैसे दिए बिना बेड मांगने पर मरीजों को अस्पताल वापस कर देता है, जबकि पैसे देने पर तुरंत बेड मिल जाता है- दिलीप पांडे
– दिल्ली सरकार के कैंसर इंस्टीट्यूट से रेफर की गई बच्ची के परिजन एम्स और सफदरजंग अस्पताल में धक्के खाते रहे, लेकिन बेड नहीं मिला- दिलीप पांडे
– केंद्र सरकार के अधीन अस्पतालों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृहमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री चुप क्यों है?- दिलीप पांडे
– आम आदमी पार्टी भाजपा की केंद्र सरकार से जानना चाहती है कि वो अपने अधीन अस्पतालों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर क्या कार्रवाई कर रही है?- दिलीप पांडे
नई दिल्ली, 07 दिसंबर (The News Air) दिल्ली में स्थित केंद्र सरकार के अधीन अस्पतालों में पैसे लेकर मरीजों को बेड उपलब्ध कराया जा रहा है। अगर मरीज दलालों को पैसे नहीं देता है तो अस्पताल प्रबंधन बेड नहीं है, ये कहकर उसको वापस भेज देता है। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं विधायक दिलीप पांडे ने गुरुवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता कर यह बड़ा खुलासा किया। इस दौरान उन्होंने कुछ मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट्स का भी हवाला दिया और कहा कि केंद्र सरकार के अधीन आने वाले अस्पतालों में भ्रष्टाचार चरम पर हैं। मरीजों को बिना पैसे दिए बेड नहीं मिल पा रहा है। जबकि पैसे देने पर वही बेड मिल जा रहा है। उन्होंने भाजपा से प्रश्न किया कि इन अस्पतालों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृहमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री चुप क्यों है और दलालों पर लगाम कसने के लिए क्या कार्रवाई की जा रही है?
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं विधायक दिलीप पांडे ने कहा कि दिल्ली में एमसीडी, दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के अस्पताल हैं। केंद्र सरकार के अधीन एम्स, सफदरजंग जैसे अस्पताल हैं। इन अस्पतालों में जो भी घटित हो रहा है, वो किसी भी संवैधानिक संस्था की जांच के दायरे में नहीं हैं। विधायक दिलीप पांडे ने मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि सफदरजंग अस्पताल में मरीजों को बेड नहीं है, ये कहकर वापस कर दिया जाता है। अस्पताल प्रबंधन और दलालों के बीच ऐसी सांठगांठ है कि हजारों रुपए खर्च करते हैं तो आसानी से बेड मिल जाएंगे। जबकि बिना दलालों को पैसे दिए बेड मांगने पर कहा जाता है कि बेड नहीं है।
विधायक दिलीप पांडे ने कहा कि सफदरजंग अस्पताल केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के अधीन आता है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के नाक के नीचे सफदरजंग अस्पताल में दलाली फल-फूल रही है। यह अपराधिक कृत्य है। सफदरजंग अस्पताल की व्यवस्था दुरुस्त करने की जिम्मेदारी केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की है। स्वास्थ्य मंत्रालय डॉ. मनसुख मांडविया के पास है। दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र है। इसलिए प्रधानमंत्री को भी इस बात की जानकारी होगी।
विधायक दिलीप पांडे ने प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृहमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री से प्रश्न करते हुए कहा कि दिल्ली में केंद्र सरकार के अधीन आने वाले अस्पताल मरीजों को बेड नहीं दे पा रहे हैं, जबकि दलाल पैसे लेकर वही बेड दिलवा दे रहे हैं। इस भ्रष्टाचार में अस्पताल प्रशासन भी लिप्त है, फिर भी प्रधानमंत्री चुप क्यों हैं? दलालों द्वारा बेड उपलब्ध कराने की मीडिया रिपोर्ट पढ़कर प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृहमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को तकलीफ हुई या नहीं, ये उन्हें दिल्ली की जनता को बताना चाहिए। दिलीप पांडे ने दो दिन पहले की एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि एक बच्ची एम्स और सफदरजंग अस्पताल में धक्के खाती रही, लेकिन उसको बेड नहीं मिला। उस बच्ची का दिल्ली सरकार के कैंसर इंस्टीट्यूट में इलाज चला। जब कैंसर इंस्टीट्यूट द्वारा रेफर किया गया तो बच्ची को लेकर उसका परिवार एम्स और सफदरजंग अस्पताल गया, लेकिन कहीं भी इलाज नहीं मिला।
विधायक दिलीप पांडे ये कहा कि पहले आप दलालों के उपर पैसा खर्च करिए, दलाल उस पैसे को उपर तक पहुंचाएंगे, तो आपको आसानी से बेड मिल जाएगा, जबकि सीधे जाने पर बेड नहीं मिल रहा है। इस भ्रष्टाचार पर प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृहमंत्री और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री चुप क्यों हैं? जबकि ये आपराधिक मामला है। आम आदमी पार्टी दिल्ली की जनता की तरफ से पीएम, केंद्रीय गृहमंत्री और स्वस्थ्य मंत्री से जानना चाहती है कि केंद्र सरकार के अधीन अस्पतालों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर क्या कार्रवाई कर रहे हैं। क्या आपकी चुप्पी इन दलालों को आशीर्वाद नहीं दे रहा है। इनके हौसले नहीं बढ़ा रहा है।
उन्होंने कहा कि भाजपा से दिल्ली और देश की जनता जानना चाहती है कि इन दलालों के उपर क्या कार्रवाई कर रहे हैं ताकि आने वाले समय में इन अस्पतालों में मरीज जाएं तो उनको ये भरोसा हो कि उनको बिना दलालों को पैसे दिए बेड मिल जाएगा। भाजपा की केंद्र सरकार सारी संवैधानिक संस्थाओं को दिल्ली सरकार के मंत्रियों के पीछे छोड़ने के बजाय इन संसाधनों को अपने अधीन आने वाली व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने में लगा दिया होता तो आज इन अस्पतालों में दलाली फल-फूल नहीं रही होती। भाजपा को जल्द से जल्द चेत जाना चाहिए। अगर भाजपा नहीं चेतती है तो फर्जी आरोप लगाकर दिल्ली सरकार को बदनाम करने वाली केंद्र सरकार के खिलाफ दिल्ली की जनता जल्द ही आंदोलन शुरू करेगी।