चंडीगढ़, 27 सितंबर (The News Air) आम आदमी पार्टी (आप) के सीनियर नेता व वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कांग्रेस पार्टी पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया कि वह बेशर्मी से पंजाब में आई भयानक बाढ़ों पर राजनीति कर रही है और राज्य के लोगों के लिए राहत फंडों को रोकने के लिए भाजपा का साथ दे रही है।
शनिवार को पार्टी दफ्तर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए चीमा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश और जम्मू से ज़्यादा बारिश और ओवरफ्लो हुए पानी के कारण आई विनाशकारी बाढ़ों ने लगभग 60 जानें लीं और पूरे पंजाब में तबाही मचाई। ऐसे समय जब मुख्यमंत्री भगवंत मान की अगुवाई में पंजाब सरकार प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए दिन-रात काम कर रही है, वहीं कांग्रेस पार्टी राहत फंडों को रोककर और बेकसूर लोगों की मौतों का राजनीतिकरण करके निचले स्तर पर गिर रही है।
‘आप’ सरकार द्वारा लोगों के पुनर्वास के बारे में चर्चा करने के लिए बुलाए गए विशेष पंजाब विधानसभा सत्र में कांग्रेस के रवैये की निंदा करते हुए चीमा ने कहा कि पंजाब के लोगों के साथ खड़े होने की बजाय, कांग्रेसी नेताओं ने अपने पैर गंदे होने से बचने के लिए विशेष तौर पर तैयार किए गए वाहनों के साथ सस्ते फोटो-अप करवाने, ड्रामा करने को तरजीह दी। विधानसभा में उन्होंने अपने स्वार्थी हितों के लिए बाढ़ पीड़ितों की मौतों का राजनीतिकरण करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उनकी पंजाब विरोधी मानसिकता कल पूरी तरह बेनकाब हो गई।
मंत्री ने खुलासा किया कि ‘आप’ सरकार ने सूबे के पुनर्निर्माण के लिए एक समर्पित “रंगला पंजाब” फंड बनाया है, जिसमें सभी वर्गों के लोगों द्वारा भारी योगदान डाला जा रहा है पर कांग्रेसी नेता बाढ़ राहत के लिए इस फंड का शर्मनाक विरोध कर रहे हैं। यह वही कांग्रेस है जिसने दशकों से पंजाब की अर्थव्यवस्था को बर्बाद किया, अब इसके पुनर्निर्माण के हर प्रयास को रोकने की कोशिश कर रही है। यह पंजाब और पंजाबियों के प्रति उनकी असली मानसिकता को दर्शाता है।
चीमा ने भाजपा पर भी निशाना साधा और लोगों को याद दिलाया कि भगवा पार्टी ने हमेशा पंजाब के साथ भेदभाव किया है। उन्होंने कहा कि पहले तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देर से आए, फिर ₹1,600 करोड़ रुपये के पैकेज का ‘जुमला’ ऐलान किया, पर इसका एक भी रुपया पंजाब तक नहीं पहुंचा। सिर्फ ₹240 करोड़ रुपये, वह भी पहले ही बजट में रखे गए प्रबंध में से जारी किए गए हैं। भाजपा की पंजाब प्रति नफ़रत स्पष्ट है और अब कांग्रेस पार्टी इस विश्वासघात में उनके साथ हाथ मिला चुकी है।
पिछले तीन सालों में ‘आप’ सरकार की प्राप्तियों को उजागर करते हुए, चीमा ने कहा कि हमने 60,000 से ज़्यादा नौजवानों को सरकारी नौकरियाँ दी हैं, लोगों को हर महीने 300 यूनिट मुफ़्त बिजली मिल रही है, पंजाबियों के हित के लिए निजी थर्मल पावर प्लांटों का कंट्रोल अपने हाथ में लिया, राज के मालिये (राजस्व) में इज़ाफ़ा किया है और जनता के पैसे के हर एक रुपये को ईमानदारी से इस्तेमाल किया है। पिछली सरकारों के उलट, जिन्होंने सरकारी खज़ाना खाली कर दिया था, हम इसे भर रहे हैं और लोगों पर खर्च कर रहे हैं।
चीमा ने आगे कहा कि अकाली-भाजपा के राज के दौरान पंजाब में नशा फैला, जिसने हमारे नौजवानों को बर्बाद कर दिया, जबकि राहुल गांधी जैसे कांग्रेसी नेता 70% पंजाबियों को नशेड़ी बताकर बदनाम कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पहले, अकालियों और भाजपा ने पंजाब को बर्बादी की ओर धकेला, फिर कांग्रेस ने नशों के व्यापार को बढ़ाकर और पंजाब के स्रोतों को लूटकर अपनी विरासत जारी रखी।
पंजाब के लिए इंसाफ़ की मांग करते हुए वित्त मंत्री ने केंद्र से ₹20,000 करोड़ रुपये की राहत की ‘आप’ की मांग को दोहराया और सवाल किया कि जब भी पंजाब अपने हकों की मांग करता है तो कांग्रेसी नेता बार-बार भाजपा का साथ क्यों देते हैं। उन्होंने कहा कि जब भी हम मोदी सरकार की पंजाब विरोधी नीतियों का विरोध करते हैं, कांग्रेस अचानक भाजपा की भाषा बोलने लगती है। अब यह स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस और भाजपा, अकालियों के साथ, एक जैसी पंजाब विरोधी मानसिकता रखते हैं।
चीमा ने पंजाबियों को भरोसा दिया कि मुख्यमंत्री भगवंत मान की अगुवाई वाली ‘आप’ सरकार यह यकीनी बनाएगी कि बाढ़ राहत के लिए इकट्ठा किया गया एक-एक पैसा ईमानदारी से लोगों के घरों के पुनर्निर्माण और ज़िंदगियाँ बहाल करने पर खर्च किया जाए। उन्होंने कहा कि यह राजनीति का समय नहीं बल्कि, पंजाब के साथ खड़े होने का समय है। पर कांग्रेस ने भाजपा का साथ देकर और लोगों को राहत देने का विरोध करके अपना असली रंग दिखा दिया है।






