The News Air- (चंडीगढ़) कांग्रेस हाईकमान ने पंजाब में कई कांग्रेसी दिग्गजों को झटका दे दिया है। बुधवार रात को दिल्ली में कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की मीटिंग हुई, जिसकी अध्यक्षता अजय माकन ने की। इसमें फ़ैसला लिया गया कि पंजाब चुनाव में एक परिवार के एक ही सदस्य को टिकट दी जाएगी। पंजाब कांग्रेस के इंचार्ज हरीश चौधरी ने इस फ़ैसले की पुष्टि की।
यह फ़ैसला इसलिए अहम है क्योंकि CM चरणजीत चन्नी के भाई डॉ. मनोहर सिंह बस्सी पठाना से चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं। वह सीनियर मेडिकल अफ़सर पद से इस्तीफ़ा तक दे चुके हैं। वहीं, कपूरथला से मंत्री राणा गुरजीत बेटे को भी सुल्तानपुर लोधी से चुनाव लड़वाना चाहते हैं।
सिद्धू के रवैये को लेकर जताई गई नाराज़गी
स्क्रीनिंग कमेटी की मीटिंग में कुछ नेताओं ने सिद्धू के रवैये को लेकर नाराज़गी जताई। सिद्धू पंजाब में रैलियां कर टिकट की घोषणा करते जा रहे हैं। हालांकि वह सांकेतिक तरीक़े से ऐसा करते हैं। सिद्धू कादियां में मौजूदा MLA फतेहजंग बाजवा को टिकट के संकेत दे आए, लेकिन वहाँ अब सांसद प्रताप बाजवा सक्रिय हो गए हैं।
सुल्तानपुर लोधी पर मंत्री राणा गुरजीत दावा ठोक रहे हैं, लेकिन सिद्धू मौजूदा MLA नवतेज चीमा की पीठ थपथपाकर आ गए। लुधियाना में रायकोट में वह आम आदमी पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए जगतार हिस्सोवाल की ग़ैरहाज़िरी में कामिल अमर सिंह को जिताने की अपील कर चुके हैं।
पंजाब में राहुल करेंगे प्रचार का आगाज़
पंजाब में कांग्रेस राहुल गांधी से प्रचार का आगाज़ करवाएगी। इसके लिए दिसंबर के आखिरी हफ़्ते में 25 से 30 दिसंबर के बीच बड़ी रैली होगी। यह फ़ैसला बुधवार रात को दिल्ली में हुई कांग्रेस कैंपेन कमेटी की मीटिंग में लिया गया। यह मीटिंग कैंपेन कमेटी के चेयरमैन सुनील जाखड़ की अगुवाई में हुई। हालांकि इसमें पंजाब कांग्रेस चीफ़ नवजोत सिद्धू और CM चरणजीत चन्नी ग़ैरहाज़िर रहे। हालांकि सीएम चन्नी ने गिदड़बाहा रैली की मज़बूरी गिनाई।
सिद्धू को झटका, किसी एक चेहरे पर नहीं लड़ेंगे चुनाव
कांग्रेस ने यह भी तय कर लिया है कि पंजाब में किसी एक नेता के चेहरे पर चुनाव नहीं होगा। इसे पंजाब कांग्रेस चीफ़ नवजोत सिद्धू के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। सिद्धू अभी तक हाईकमान के गुण गाते रहे हैं, ऐसे में उम्मीद थी कि उन्हें अगले चुनाव के लिए CM फेस के तौर पर आगे किया जा सकता है। हालांकि सीएम चरणजीत चन्नी भी अब मुख्यमंत्री बनने और अनुसूचित जाति वोट बैंक के गणित के लिहाज़ से कांग्रेस के दिग्गज बन चुके हैं। ऐसे में चुनाव प्रचार में अब पिछली बार कैप्टन अमरिंदर सिंह की तरह कोई एक चेहरा नहीं होगा।