The News Air – सुप्रीम कोर्ट में भारतीयों की वतन वापसी पर याचिका दायर की गई है। याचिका कश्मीर के एडवोकेट एएम डार ने लगाई, जिसमें यह कहा कि याचिकाकर्ता रोमानिया बॉर्डर के पास फंस गया था, जिसकी तरफ़ से सुप्रीम कोर्ट की बेंच के सामने जल्द सुनवाई की मांग की गई। इस पर CJI एनवी रमन्ना ने कहा कि क्या हम पुतिन को युद्ध रोकने का निर्देश दे सकते हैं?
सुप्रीम कोर्ट में इस तरह हुई चर्चा
एडवोकेट डार ने कहा कि ओडेसा के मेडिकल कॉलेज के छात्र फंस गए हैं। उन्होंने रोमानिया बॉर्डर पार कर ली है। बिना पैसे और खाने-पीने के सामान के 250 छात्र वहीं हैं। पिछले छह दिनों से भारत की तरफ़ से वहाँ कोई फ्लाइट नहीं गई है।
CJI रमन्ना: इसमें अदालत क्या करेगी? क्या मैं रूस के राष्ट्रपति को युद्ध रोकने का निर्देश दे सकता हूं? सोशल मीडिया पर मैंने कुछ वीडियो देखे जिसमें कहा गया था कि CJI क्या कर रहे हैं! हमें उनसे सहानुभूति है।
वकील डार: छात्रों में ज़्यादातर लड़कियां हैं। वे सभी लोग माइनस टेंपरेचर में ठिठुर रहे हैं। 30 छात्राएं यूक्रेन की सीमा पर क़रीब 6 दिनों से बिना भोजन के फंसी हुई हैं। हमें उनका ख्याल रखना होगा।
CJI रमन्ना: किसे ध्यान रखना है? सरकार पहले से कर रही है। हम एजी से इसका पता लगाने के लिए कहेंगे। अटॉर्नी जनरल के सामने यह मुद्दा तत्काल रखा जा रहा है।
AG वेणुगोपाल: पीएम ने मिस्टर पुतिन और मिस्टर जेलेंस्की दोनों से बात की है। इस पर अटॉर्नी जनरल केके वेनुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया- केंद्र ने 4 मंत्रियों को भेजा है, जिससे छात्रों की सुरक्षित वापसी हो। ये मंत्री यूक्रेन के बॉर्डर वाले देशों से छात्रों को एयरलिफ़्ट करा रहे हैं।
अब तक इतनों की वतन वापसी
ऑपरेशन गंगा के तहत गुरुवार को 3726 भारतीयों को यूक्रेन से वापसी होनी है। यह जानकारी एविएशन मिनिस्टर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दी है। सिंधिया के मुताबिक़ बुखारेस्ट से 8 फ्लाइट, सुसेवा से 2 फ्लाइट, कोसिसे से 1 फ्लाइट, बुडापेस्ट से 5 फ्लाइट और रेज़ज़ो से 3 फ्लाइट से भारतीय वापस लाए जा रहे हैं।