The News Air- आईएएस प्रतिनियुक्ति नियमों में केंद्र सरकार के प्रस्तावित संशोधन पर विरोध तेज़ हो गया है। प. बंगाल की CM ममता बनर्जी के बाद छत्तीसगढ़ के CM भूपेश बघेल, राजस्थान के CM अशोक गहलोत और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ऐतराज़ जताया है। इसे लेकर सभी ने PM नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है।
दरअसल, मोदी सरकार आईएएस (कैडर) रूल्स, 1954 में बदलाव करना चाहती है। इसके अनुसार, राज्य सरकारों के आरक्षण (अधिकार) को बायपास कर केंद्र किसी भी आईएएस अफ़सर को डेपुटेशन पर बुला सकती है।
विपक्षी दलों के मुख्यमंत्रियों ने कहा- यह संघीय ढांचे के ख़िलाफ़
हेमंत सोरेन ने ट्विटर पर अपना पत्र पोस्ट करते हुए बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री के सामने अखिल भारतीय सेवा के कैडर से जुड़े नियमों में संशोधन को लेकर अपनी आपत्ति दर्ज़ कराई है। उन्होंने कहा कि यह फ़ैसला भारतीय संघ की एकता को कमज़ोर करेगा।
भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कहा कि इसका राजनीतिक दुरुपयोग हो सकता है। उन्होंने कहा कि नियमों में संशोधन का प्रस्ताव, अधिकारियों की पदस्थापना के अधिकार एकपक्षीय रूप से बिना राज्य सरकार और संबंधित अधिकारी की सहमति के प्रदान करते हैं। यह संविधान में रेखांकित संघीय भावना के ख़िलाफ़ है।
उधर, CM अशोक गहलोत ने कहा कि इस संशोधन के बाद कोई भी अफ़सर निष्ठा से काम नहीं कर पाएगा। उस पर एक्शन की तलवार लटकी रहेगी। उन्होंने कहा- इस संशोधन से केंद्र और राज्य सरकारों के लिए तय संवैधानिक क्षेत्राधिकार का उल्लंघन होगा।
महाराष्ट्र-पश्चिम बंगाल भी कर रहे हैं विरोध
केंद्र सरकार के इस प्रस्ताव का कई गैर भाजपा शासित राज्य विरोध कर रहे हैं। इससे पहले पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र की सरकारों ने भी विरोध किया। वहीं, केरल ने भी इस पर आपत्ति जताई है। CM ममता बनर्जी ने शुक्रवार को 8 दिन में दूसरी बार PM को पत्र लिखा। उन्होंने कहा कि इससे अफ़सरों में डर का माहौल पैदा होगा। उनका काम प्रभावित होगा। उन्होंने कहा कि इस पर फिर से विचार नहीं किया गया तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा। जम्मू-कश्मीर के पूर्व CM और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि ये संघीय ढांचे के ख़िलाफ़ है।
समझें, क्या है IAS (कैडर) रूल्स?
केंद्र में नियुक्ति के लिए IAS की पर्याप्त संख्या में उपलब्धता का हवाला देते हुए मोदी सरकार ने आईएएस अफ़सरों की नियुक्ति के नियम में संशोधन का प्रस्ताव दिया है। केंद्र ने राज्यों से 25 जनवरी तक इस पर अपनी राय देने को कहा है। माना जा रहा है कि केंद्र सरकार 31 जनवरी से शुरू होने वाले संसद के बजट सत्र में इस संशोधन को पेश कर सकती है। एक जनवरी 2021 तक देश में कुल 5200 आईएएस ऑफ़िसर थे, जिनमें से 458 केंद्र में नियुक्त थे।