नई दिल्ली, 2 जून
पंजाब में अगले वर्ष विधान सभा चुनाव होने वाले है, और 2022 के चुनावों पर कैप्टन अमरिंदर सिंह के सभी प्रतिद्वंदियों की पैनी नजर है। नवजोत सिद्धू के पीछे पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष प्रताप सिंह बाजवा समेत तमाम नेता हैं। वहीं दूसरी तरफ कैप्टन खेमे को फिलहाल इसकी कोई परवाह नहीं है। पंजाब सरकार के एक मंत्री का कहना है कि कैप्टन इतने हल्के नहीं हैं कि छोटे-मोटे झटके में हिल जाएंगे। वह कहते हैं कि 2022 में राज्य विधानसभा चुनाव होने हैं। इसलिए कुछ नेता अभी से अपनी वैल्यू बढ़ाने में लगे हैं।
कैप्टन से नाराजगी की अगुआई कर रहे नवजोत सिंह सिद्धू ने इसी क्रम में मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा गठित तीन सदस्यीय समिति के सामने अपना पक्ष रखा। इस समिति में पंजाब के प्रभारी और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े, पूर्व सांसद जय प्रकाश अग्रवाल हैं। समिति ने नवजोत सिंह सिद्धू को ध्यान से सुना। इस समिति का मकसद कैप्टन और उनके विरोधी खेमे में एक तालमेल का वातावरण तैयार करके समस्या का हल खोजना है। इस पैनल ने सोमवार को पंजाब के नेता सुनील जाखड़ समेत अन्य कांग्रेसी नेताओं से भी मुलाकात की थी। अभी यह पैनल पंजाब के कुछ नेताओं से भी मिलेगा और उनका पक्ष सुनेगा।