Budget 2025, Income Tax Changes, New Tax Rules 2025, और Standard Deduction Increase जैसे कीवर्ड इस समय हर टैक्सपेयर्स के लिए बेहद अहम हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) द्वारा पेश किए गए पिछले बजट में इनकम टैक्स से जुड़े 5 बड़े बदलाव किए गए, जिन्हें हर टैक्सपेयर्स को जानना जरूरी है।
यहां हम विस्तार से बता रहे हैं इन बदलावों के बारे में, जो आपके टैक्स की प्लानिंग को सीधे प्रभावित कर सकते हैं।
1. नई टैक्स स्लैब का ऐलान
पिछले बजट 2024-25 में सरकार ने टैक्सपेयर्स को राहत देने के लिए नई टैक्स स्लैब पेश की। ये स्लैब इस प्रकार हैं:
- 0-3 लाख रुपये: 0% टैक्स
- 3-7 लाख रुपये: 5%
- 7-10 लाख रुपये: 10%
- 10-12 लाख रुपये: 15%
- 12-15 लाख रुपये: 20%
- 15 लाख रुपये और उससे अधिक: 30%
इन नई स्लैब्स के जरिए मिडिल क्लास टैक्सपेयर्स को सालाना 17,500 रुपये तक की बचत हो सकती है।
2. स्टैंडर्ड डिडक्शन में इजाफा
वेतनभोगी कर्मचारियों और पेंशन पाने वालों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा में वृद्धि की गई।
- पुरानी सीमा: ₹50,000
- नई सीमा: ₹75,000
इसके अलावा, फैमिली पेंशन पाने वालों के लिए डिडक्शन सीमा को ₹15,000 से बढ़ाकर ₹25,000 कर दिया गया। इससे लाखों टैक्सपेयर्स को फायदा होगा।
3. नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में राहत
सरकार ने NPS (National Pension System) को और आकर्षक बनाने के लिए:
- एम्प्लॉयर के योगदान पर डिडक्शन सीमा को 10% से बढ़ाकर 14% कर दिया।
- इससे रिटायरमेंट फंड में बचत को बढ़ावा मिलेगा।
4. कैपिटल गेंस टैक्स में बदलाव
निवेशकों के लिए कैपिटल गेंस टैक्स में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए:
- शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस टैक्स (STCG): 15% से बढ़ाकर 20%।
- लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स (LTCG): 10% से बढ़ाकर 12.5%।
- LTCG छूट सीमा: ₹1 लाख से बढ़ाकर ₹1.25 लाख कर दी गई।
ये बदलाव दीर्घकालिक निवेश को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से किए गए हैं।
5. लग्जरी सामान पर TCS
महंगे लेनदेन पर नजर रखने के लिए, सरकार ने 10 लाख रुपये से अधिक के लग्जरी सामान पर TCS (Tax Collection at Source) लागू किया। यह नियम 1 जनवरी 2025 से प्रभावी हो चुका है।
इन बदलावों का उद्देश्य और प्रभाव
सरकार के इन बदलावों का मुख्य उद्देश्य:
- टैक्सपेयर्स को राहत देना।
- टैक्स कलेक्शन को मजबूत बनाना।
- लंबे समय तक निवेश को प्रोत्साहित करना।
- टैक्स चोरी पर रोक लगाना।
मिडिल क्लास और टैक्सपेयर्स को फायदा
- नई टैक्स स्लैब से मिडिल क्लास को सीधा फायदा हुआ।
- स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ने से वेतनभोगियों की कर योग्य आय कम हुई।
- एनपीएस में डिडक्शन सीमा बढ़ने से रिटायरमेंट के लिए अधिक बचत की संभावना बनी।
Budget 2025 ने टैक्सपेयर्स के लिए कई राहतभरे कदम उठाए हैं, जिनका सीधा असर उनकी बचत और निवेश पर पड़ेगा। इनकम टैक्स से जुड़े ये 5 बड़े बदलाव न केवल टैक्सपेयर्स को फायदा पहुंचाएंगे, बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था में भी सकारात्मक बदलाव लाएंगे।
टैक्स की प्लानिंग करते समय इन नए नियमों को ध्यान में रखें और इसका पूरा फायदा उठाएं।