The News Air- भारतीय सेना के सर्वोच्च अधिकारी जनरल बिपिन रावत (Bipin Rawat) का हेलिकॉप्टर बुधवार को तमिलनाडु के जंगलों में क्रैश हो गया। जनरल रावत की ज़िंदगी में साल का आखिरी महीना यानी महज़ इस हादसे के कारण ही अहम नहीं है बल्कि उनके सेना में अधिकारी बनने से लेकर हादसे तक हर बड़े मौक़े का ‘दिसंबर कनेक्शन’ रहा है।
16 दिसंबर को बने थे सेना में अधिकारी
उत्तराखंड निवासी जनरल बिपिन रावत (Bipin Rawat) का जन्म 16 मार्च, 1958 को हुआ था। नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) से ग्रेजुएट होने के बाद उन्हें सेना में सेकंड लेफ्टिनेंट के तौर पर कमीशन दिया गया था। उन्हें सेना में 16 दिसंबर, 1978 को सेना की 11 गोरखा राइफल्स की 5वीं बटालियन में कमीशन मिला था। इसी यूनिट में उनके पिता को भी सेना में कमीशन मिला था। यह पहला मौक़ा था, जब साल का आखिरी महीना उनकी अहम उपलब्धियों का हिस्सा बना था।
16 दिसंबर को ही बने लेफ्टिनेंट और इसी दिन बने मेजर
इसके बाद 16 दिसंबर, 1980 को जनरल बिपिन रावत (Bipin Rawat) को भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर प्रमोट किया गया। इसके 9 साल बाद एक बार फिर दिसंबर का महीना लकी रहा और वे 16 दिसंबर, 1989 को कैप्टन से मेजर के पद पर प्रमोशन दिया गया।
दिसंबर में ही मिला था कमांडर ग्रेड में प्रमोशन
जनरल रावत (Bipin Rawat) को उनके करियर में शानदार उपलब्धियों के बाद आर्मी कमांडर ग्रेड में प्रमोशन दिया गया। इस प्रमोशन की घोषणा भी 2015 में दिसंबर महीने में ही की गई थी। हालांकि उन्होंने कमांडर ग्रेड में अपनी पहली पोस्टिंग के तौर पर सदर्न कमांड के GOC के तौर पर 1 जनवरी, 2016 से काम शुरू किया था।
सितंबर में बने वाइस चीफ़ और दिसंबर में बने सेना प्रमुख
सदर्न कमांड के GOC के तौर पर जनरल रावत (Bipin Rawat) का कार्यकाल महज़ 8 महीने का रहा और 1 सितंबर, 2016 को उन्हें वाइस चीफ़ ऑफ़ आर्मी स्टाफ़ (उप सेना प्रमुख) पद पर प्रमोशन मिल गया।
लेकिन महज़ दो महीने बाद ही जब दिसंबर का महीना आया तो जनरल रावत (Bipin Rawat) के लिए साल का यह आखिरी महीना फिर से लकी रहा और 17 दिसंबर, 2016 को उन्होंने भारतीय सेना प्रमुख (चीफ़ ऑफ़ आर्मी स्टाफ़) के पद पर प्रमोट किया गया। हालांकि यह ज़िम्मेदारी उन्होंने जनरल दलबीर सिंह के 31 दिसंबर को रिटायर होने पर 1 जनवरी, 2017 से संभाली।
देश के पहले CDS भी दिसंबर में ही बने
जनरल रावत (Bipin Rawat) को देश का पहला CDS यानी तीनों सेनाओं के प्रमुख के तौर पर चीफ़ ऑफ़ डिफेंस स्टाफ़ बनने का भी मौक़ा मिला। देश की इस सर्वोच्च सैन्य नियुक्ति पर जनरल रावत (Bipin Rawat) को तैनात करने की घोषणा भारत सरकार ने 30 दिसंबर, 2019 को यानी उनके सेना प्रमुख पद से
रिटायरमेंट से महज़ एक दिन पहले की। उन्होंने CDS के तौर पर 31 दिसंबर को सेना प्रमुख के पद से रिटायरमेंट के तत्काल बाद ही काम करना शुरू कर दिया था।
अब ज़िंदगी की आखिरी घड़ी भी दिसंबर महीने में
जनरल रावत (Bipin Rawat) की अहम उपलब्धियों के बीच सबसे दुर्भाग्यपूर्ण पल भी दिसंबर महीने में ही आया। बुधवार यानी 8 दिसंबर को जनरल रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत की तमिलनाडु में हेलिकॉप्टर क्रैश में 12 सैन्य अधिकारियों के साथ मौत हो गई है।