प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-सानी (Sheikh Tamim bin Hamad Al Thani) के बीच मंगलवार को हुई उच्च-स्तरीय वार्ता में भारत और कतर के द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाने पर सहमति बनी। इस बैठक में व्यापार, निवेश, ऊर्जा और सुरक्षा जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा की गई। हालांकि, इस वार्ता के दौरान कतर की जेलों में बंद 600 भारतीयों और एक भारतीय नौसेना अधिकारी के मामले पर चर्चा हुई या नहीं, इसे लेकर स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई।
भारतीय नौसेना अधिकारी पर चल रही सुनवाई
भारत के विदेश मंत्रालय में सचिव (CPV & OIA) अरुण कुमार चटर्जी ने बताया कि कतर में अब भी एक भारतीय नौसेना अधिकारी जेल में बंद हैं और उनका मामला वहां की स्थानीय अदालतों में लंबित है। हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि प्रधानमंत्री मोदी और कतर के अमीर के बीच इस मुद्दे पर प्रत्यक्ष चर्चा हुई या नहीं।
गौरतलब है कि पिछले साल कतर की जेल से रिहा हुए सात भारतीय नौसेना अधिकारियों ने अपील की थी कि उनके सहयोगी कमांडर पूर्णेंदु तिवारी (Purnendu Tiwari) को भी जल्द से जल्द भारत वापस लाया जाए। इन अधिकारियों ने कहा कि तिवारी की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार को ठोस कदम उठाने चाहिए ताकि वे अपने परिवार से मिल सकें।
कैसे फंसे भारतीय नौसेना के अधिकारी?
कतर में भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अधिकारियों को अगस्त 2022 में गिरफ्तार किया गया था। वे सभी कतर सरकार को रक्षा और सुरक्षा से संबंधित वस्तुओं की आपूर्ति करने वाली कंपनी डाहरा ग्लोबल (Dahra Global) में कार्यरत थे। भारत और कतर, दोनों देशों की सरकारों ने अब तक इन अधिकारियों पर लगे आरोपों का खुलासा नहीं किया है।
अक्टूबर 2023 में, कतर की अदालत ने इन सभी अधिकारियों को मौत की सजा सुनाई थी, जिसे भारत सरकार ने “बेहद चौंकाने वाला” करार दिया था। इसके बाद भारत सरकार ने इस फैसले के खिलाफ अपील की। दिसंबर 2023 में, कतर की एक अदालत ने उनकी सजा को घटाकर अलग-अलग समय की कैद में बदल दिया।
फरवरी 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कतर दौरे से कुछ दिन पहले सात अधिकारियों को रिहा कर दिया गया था, लेकिन कमांडर पूर्णेंदु तिवारी अब भी कतर की जेल में बंद हैं।
कतर की जेलों में 600 भारतीय बंदी, 2024 में 85 को मिली माफी
विदेश मंत्रालय के अनुसार, कतर की जेलों में वर्तमान में लगभग 600 भारतीय नागरिक बंद हैं। इनमें से 85 को वर्ष 2024 में माफी देकर रिहा कर दिया गया है। भारत और कतर के बीच कैदियों के ट्रांसफर (Transfer of Sentenced Prisoners) को लेकर एक समझौता भी हुआ है, लेकिन इसे अभी कतर सरकार की अंतिम स्वीकृति नहीं मिली है।
भारत-कतर मुक्त व्यापार समझौते (FTA) की दिशा में कदम
भारत और खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) के बीच मुक्त व्यापार समझौते (Free Trade Agreement – FTA) को लेकर बातचीत चल रही है। भारत और कतर भी इस दिशा में संभावनाओं को तलाश रहे हैं। कतर भारत के लिए तरलीकृत प्राकृतिक गैस (LNG) का एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता है।
फरवरी 2024 में, कतर एनर्जी (Qatar Energy) और पेट्रोनेट एलएनजी लिमिटेड (Petronet LNG Ltd) के बीच 20 वर्षों के लिए 7.5 मिलियन मीट्रिक टन एलएनजी आपूर्ति का समझौता हुआ था, जो 2028 से प्रभावी होगा। इस बैठक में ऊर्जा साझेदारी को और मजबूत करने और संभावित निवेश के अवसरों पर चर्चा की गई।
व्यापार और निवेश में नया लक्ष्य
वर्तमान में भारत और कतर के बीच वार्षिक व्यापार लगभग 14 अरब डॉलर का है। दोनों देशों ने अगले 5 वर्षों में इसे दोगुना करने का लक्ष्य रखा है। कतर का सॉवरेन वेल्थ फंड, कतर इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी (QIA), भारत में लगभग 1.5 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) कर चुका है और आगे इसमें वृद्धि की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं।
अमीर का भव्य स्वागत और अहम समझौते
कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी का भारत में भव्य स्वागत किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) और प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति भवन में उनका स्वागत किया। अमीर के साथ कतर के प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री और शीर्ष व्यापारिक प्रतिनिधि भी इस यात्रा में शामिल थे।
हैदराबाद हाउस (Hyderabad House) में आयोजित एक समारोह में भारत और कतर ने दोहरे कराधान से बचने और आय पर करों के संबंध में राजकोषीय चोरी की रोकथाम के लिए एक संशोधित समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस दौरान, कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान बिन जासिम अल सानी (Sheikh Mohammed bin Abdulrahman bin Jassim Al Thani) और भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने समझौते का आदान-प्रदान किया।
क्या नौसेना अधिकारी की जल्द होगी रिहाई?
अब सवाल यह उठता है कि क्या कमांडर पूर्णेंदु तिवारी की रिहाई के लिए भारत सरकार आगे कोई ठोस कदम उठाएगी? पीएम मोदी और कतर के अमीर के बीच हुई वार्ता में इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है। हालांकि, यह तय है कि भारत सरकार कतर में बंद भारतीय नागरिकों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए प्रयास जारी रखेगी।