नई दिल्ली (The News Air) एक बड़ी खबर के अनुसार, जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) से अनुच्छेद 370 (Article 370) को हटाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई 2 अगस्त से शुरू होगी। इस बाबत सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ ने यह जानकारी दी। जानकारी दें कि, आर्टिकल 370 पर सुप्रीम कोर्ट में अब 3 साल बाद सुनवाई हो रही है। इससे पहले 2020 में 5 जजों की संवैधानिक बेंच ने इस मामले की सुनवाई करेंगे। तब अदालत ने कहा था कि हम मामला बड़ी संवेधानिक बेंच को ट्रांसफर नहीं कर रहे हैं।
Supreme Court’s five-judge Constitution bench says hearing of a batch of pleas challenging the abrogation from of Article 370 from Jammu and Kashmir will start from August 2. pic.twitter.com/eTJ1oFw9SJ
— ANI (@ANI) July 11, 2023
दरअसल आज जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 पर सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की संविधान पीठ ने कहा है कि वो 2 अगस्त से इस मामले की सुनवाई शुरू करेंगे। पीठ ने सभी पक्षकारों से अपना जवाब देने के लिए कहा है। इसके साथ ही CJI ने कहा कि सभी पक्ष 25 जुलाई तक अपने जवाब दाखिल कर सकते हैं। 2 अगस्त से मंगलवार से गुरुवार तक डे-टू-डे सुनवाई होगी। इन याचिकाओं पर अब सुनवाई CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अगुआई वाली 5 जजों की बेंच करेगी। जिसमें जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत भी होंगे।
#WATCH हम 2019 से इस दिन का इंतजार करते आए हैं क्योकिं हमें लगता है कि हमारा केस मजबूत है। हम सुप्रीम कोर्ट से उम्मीद भी रखेंगे और गुजारिश करेंगे कि इसमें जल्द से जल्द सुनवाई हो। हम न्याय की उम्मीद करते हैं, जो नाइंसाफी जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ 5 अगस्त 2019 को हुई, जो धोखा… pic.twitter.com/m7rgpeJbS6
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 11, 2023
वहीं मामले पर आज नेशनल कांफ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि, “हम 2019 से इस दिन का इंतजार करते आए हैं क्योकिं हमें लगता है कि हमारा केस मजबूत है। हम सुप्रीम कोर्ट से उम्मीद भी रखेंगे और गुजारिश करेंगे कि इसमें जल्द से जल्द सुनवाई हो। हम न्याय की उम्मीद करते हैं, जो नाइंसाफी जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ 5 अगस्त 2019 को हुई, जो धोखा हुआ, कानून का धज्जियां उड़ाई गई उसका जवाब सुप्रीम कोर्ट से मिले।”
यह भी पता हो कि, सुप्रीम कोर्ट में आज यानी मंगलवार को सुनवाई के एक दिन पहले बीते सोमवार को केंद्र ने इस मामले पर नया एफिडेविट दाखिल किया था। केंद्र ने इस बाबत कहा था कि जम्मू-कश्मीर 3 दशकों तक आतंकवाद झेलता रहा। इसे खत्म करने का एक ही रास्ता था आर्टिकल 370 हटाना। दरअसल केंद्र सरकार ने बीते 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटा दिया था। वहीं बीते अक्टूबर 2020 से संविधान पीठ ही इस मामले की सुनवाई कर रही है।