Adani Cement ने हिमाचल प्रदेश की सरकार को एक पत्र लिख कर ट्रक यूनियनों के साथ गतिरोध को खत्म करने के लिए सरकार के हस्तक्षेप का अनुरोध किया है। कंपनी ने 14 दिसंबर से राज्य में अपनी दो सीमेंट इकाइयों में परिचालन बंद कर दिया था। 19 जनवरी के पत्र में और राज्य की स्थायी समिति को संबोधित करते हुए, अडाणी सीमेंट्स ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में ट्रक यूनियनों द्वारा नियंत्रित माल की दरों को उच्च स्तर पर निर्धारित किया गया है। जिसके इसके सीमेंट प्लांट ऑपरेट करने में कठिनाएं। अडाणी सीमेंट्स ने राज्य में स्थित बरमाना स्थित एसीसी और दारलाघाट अंबुजा सीमेंट्स कारखाने में ऑपरेशन को जिम्मेदार ठहराया है।
क्या कहा अडाणी सीमेंट्स की सीईओ ने
अडाणी सीमेंट्स के सीईओ अजय कपूर ने कहा कि प्राधिकरण या जवाबदेही के बिना यूनियनों द्वारा इस तरह के बेलगाम नियंत्रण ने न केवल अक्षमताएं पैदा की हैं बल्कि आने वाले वक्त में इसके हानिकारक परिणाम भी देखने को मिलेंगे। कपूर ने यह भी बताया कि हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने तीन बार कार्यप्रणाली और यूनियनों के अनुचित हस्तक्षेप के खिलाफ तीखी टिप्पणी की थी। अब ट्रक यूनियनों के साथ गतिरोध को खत्म करने के लिए अडाणी सीमेंट्स ने हिमाचल की सरकार को एक पत्र लिखा है जिसमें चार मांगें रखी गई हैं।
अडाणी सीमेंट्स ने सरकार से की ये डिमांड
हिमाचल प्रदेश में ट्रक यूनियनों के साथ अपने गतिरोध को खत्म करने के लिए अडाणी सीमेंट्स ने राज्य सरकार को पत्र लिखते हुए इन चार मांगों को सामने रखा है।
1- पहली मांग में तीन साल तक के लिए ट्रक भाड़े की गड़ना में चरणबद्ध संशोधन करने के लिए कहा गया है।
2- इसने तीन वर्षों में एसीसी और अंबुजा सीमेंट इकाइयों द्वारा संचालित अतिरिक्त ट्रकों को चरणबद्ध करने का प्रस्ताव दिया है। पत्र में कहा गया है कि वर्तमान में तैनात 3,311 की तुलना में केवल 550 ट्रकों की आवश्यकता है।
3- राज्य में ट्रक बेड़े में नए एडिशन में तत्काल रोक लगाने की मांग
4- वाहनों, मार्गों, क्षमता और ट्रकों के प्रकार आदि की तैनाती सहित परिवहन में परिचालन संबंधी निर्णय लेने के लिए निजी उद्यमों के लिए स्वायत्तता की मांग की है।