Three Counsellors Join BJP : दिल्ली नगर निगम (MCD) में आम आदमी पार्टी (AAP) को तगड़ा झटका लगा है। हाल ही में तीन पार्षदों के भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल होने से नगर निगम में सत्ता संतुलन बिगड़ गया है। इससे एमसीडी में ‘आप’ की पकड़ कमजोर पड़ सकती है और बीजेपी को फायदा मिल सकता है।
तीन पार्षदों ने थामा भाजपा का दामन
शनिवार को दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा की मौजूदगी में तीन ‘आप’ पार्षद भाजपा में शामिल हुए। इनमें एंड्रयूज गंज (Andrews Ganj) से अनीता बसोया, हरिनगर (Hari Nagar) से निखिल चपराना और आरकेपुरम (RK Puram) से धर्मवीर सिंह शामिल हैं। इन पार्षदों के पार्टी बदलने के बाद अब एमसीडी में ‘आप’ और बीजेपी की संख्या बराबर हो गई है।
अब MCD में क्या होगा समीकरण?
दिल्ली नगर निगम में कुल 250 सीटें हैं। 2022 के एमसीडी चुनाव में AAP ने 134 सीटें जीती थीं, जबकि BJP को 104 सीटें मिली थीं। कांग्रेस के पास 9 और तीन निर्दलीय पार्षद थे। मगर समय के साथ कई AAP पार्षद BJP में शामिल हो चुके हैं, जिससे अब बीजेपी की संख्या 116 और ‘आप’ की संख्या घटकर 116 हो गई है। कांग्रेस के पास 7 पार्षद हैं, जो भविष्य में किंगमेकर की भूमिका निभा सकते हैं।
11 सीटों पर उपचुनाव से बदलेगा खेल
अब एमसीडी में 11 सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं, जो तय करेंगे कि निगम पर किसका कब्जा होगा। द्वारका बी वार्ड (Dwarka B Ward) की भाजपा पार्षद कमलजीत सहरावत के सांसद बनने के बाद यह सीट खाली हो गई थी। इसके अलावा, विधानसभा चुनाव में 10 पार्षद विधायक बन गए हैं। इसमें 7 बीजेपी और 3 ‘आप’ के हैं। इन 11 सीटों पर उपचुनाव से एमसीडी में सत्ता का संतुलन पूरी तरह बदल सकता है।
क्या ‘ट्रिपल इंजन सरकार’ बनाएगी बीजेपी?
लोकसभा और विधानसभा में जीत के बाद बीजेपी अब एमसीडी पर भी कब्जा जमाने की कोशिश कर रही है। पार्टी ने इसे ‘ट्रिपल इंजन सरकार’ बनाने की योजना बताया है, जिससे दिल्ली के विकास कार्यों में तेजी आएगी।
बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “हमारे पास 14 मनोनीत पार्षद हैं, जिनमें से 10 भाजपा के होंगे और 4 आप के। इसके अलावा, कई AAP पार्षद हमारे संपर्क में हैं।” इससे यह साफ है कि बीजेपी मेयर पद पर भी अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है।
MCD में मेयर चुनाव पर सभी की नजरें
मेयर चुनाव अप्रैल में होने हैं, जो एमसीडी की सत्ता का भविष्य तय करेंगे। नवंबर 2023 में हुए पिछले मेयर चुनाव में ‘आप’ को महज तीन वोटों से जीत मिली थी, लेकिन अब समीकरण बदल रहे हैं। बीजेपी का दावा है कि इस बार मेयर की कुर्सी उसकी होगी।
AAP के लिए मुश्किलें बढ़ीं
2022 में एमसीडी चुनाव में बड़ी जीत के बावजूद, AAP अब मुश्किल स्थिति में है। पार्षदों के पाला बदलने से पार्टी को संकट का सामना करना पड़ रहा है। अगर कांग्रेस ने ‘आप’ का समर्थन नहीं किया या उपचुनाव में बीजेपी को बढ़त मिली, तो एमसीडी की सत्ता हाथ से निकल सकती है।
दिल्ली नगर निगम में सत्ता संघर्ष तेज हो गया है। बीजेपी ने ‘ट्रिपल इंजन सरकार’ की दिशा में कदम बढ़ा दिया है, जबकि AAP अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रही है। अब सबकी नजरें आने वाले उपचुनाव और मेयर चुनाव पर टिकी हैं, जो यह तय करेंगे कि दिल्ली एमसीडी पर कौन राज करेगा।