चंडीगढ़, 27 जुलाई (The News Air)
संबंधित विभागों के साथ विचार-विमर्श के उपरांत सरकारी कर्मचारियों की शिकायतों के निपटारे के लिए हर संभव प्रयास करने का भरोसा देते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने मंगलवार को राज्य के हड़ताल पर गए सरकारी कर्मचारियों को लोगों को पेश कठिनाईयों के मद्देनज़र अपनी हड़ताल वापस लेने की अपील की।
हड़ताली कर्मचारियों की माँगों की समीक्षा करने के लिए एक उच्च स्तरीय मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने निरंतर चल रही हड़ताल पर चिंता ज़ाहिर की जिस कारण विभिन्न सरकारी विभागों के कामकाज पर बुरा प्रभाव पड़ा है।
सरकारी प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार ने हड़ताली कर्मचारियों की माँगों पर विचार करने के लिए अफसरों की एक समिति बनाई थी। इस समिति ने विस्तारपूर्वक विभिन्न कर्मचारी संगठनों की माँगों का अध्ययन किया और अपनी रिपोर्ट पेश की। यह पाया गया कि मुलाजिमों द्वारा उठाई गई कुछ माँगों का सम्बन्ध साल 2006 से पहले के सरकार द्वारा किये गए फ़ैसलों के साथ है और इनका छठे पंजाब वेतन आयोग की रिपोर्ट के साथ कोई सम्बन्ध नहीं है। इसलिए यह फ़ैसला किया गया कि सम्बन्धित प्रशासनिक विभागों की सिफारिशों के आधार पर इन माँगों पर अलग से विचार किया जायेगा।
मीटिंग में यह भी फ़ैसला किया गया कि अंतर विभाग और विभाग के अंदरूनी मामलों से सम्बन्धित कुछ माँगों का निपटारा पर्सानल और वित्त विभागों के साथ सलाह मशवरे के उपरांत किया जायेगा।
ज़िक्रयोग्य है कि कुछ दिन पहले पंजाब सरकार ने कर्मचारियों की लंबे समय से चली आ रही माँग पूरे करते हुए आयोग की रिपोर्ट मिलने के एक महीने के अंदर छठे पंजाब वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने का फ़ैसला किया था। प्रवक्ता ने आगे बताया कि वेतन आयोग की सिफारिशों को पहली जुलाई 2021 से लागू किये जाने के चलते 2.85 लाख कर्मचारियों और 3.07 लाख पैंशनरों को करीब 4692 करोड़ रुपए हर साल प्रदान किये जाएंगे। औसतन प्रति वर्ष यह राशि 79,250 होगी जो कि उक्त को मौजूदा समय में मिलने वाली राशि से अधिक है। इसके अलावा सरकारी कर्मचारियों और पैंशनरों को 14,759 करोड़ रुपए के बकाए भी मिलेंगे जो कि प्रति कर्मचारी /पेंशनर 2.32 लाख रुपए औसतन बैठते हैं।
मीटिंग में स्थानीय निकाय मंत्री ब्रह्म मोहिन्द्रा, वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल, लोक निर्माण मंत्री विजय इंदर सिंगला, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रमुख सचिव सुरेश कुमार, मुख्य सचिव विनी महाजन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव तेजवीर सिंह और वित्त और पर्सानल विभाग के उच्च अधिकारी उपस्थित थे।