The News Air- चंडीगढ़- द कश्मीर फाइल्स फिल्म को चंडीगढ़ के प्रशासक बीएल पुरोहित ने टैक्स फ्री कर दिया है। आज से चंडीगढ़ में दर्शकों को इस फिल्म की टिकट के लिए कम रेट देना होगा। प्रशासन के आदेशों में कहा गया है कि थिएटर और मल्टीप्लेक्स एंट्री फीस में बढ़ोत्तरी नहीं करेंगे। वहीं विभिन्न कैटेगरी में सीट्स की क्षमता में भी बदलाव नहीं करेंगे।
UTGST काट कर इस फिल्म की टिकट को सेल किया जाए। इस आदेश से पुरानी टिकटों की सेल में वसूला UTGST और आदेश के 4 महीने बाद वसूले जाने वाले UTGST की रिम्बर्समेंटनहीं होगी। 4 महीने तक यह आदेश प्रभाव में रहेगा।
इससे पहले रविवार को फिल्म की राजभवन में स्क्रीनिंग की गई। इसे कांग्रेस ने राजभवन की गरिमा के लिए खतरा बताया था। भाजपा शासित कई राज्यों में फिल्म को टैक्स फ्री किया जा चुका है। चंडीगढ़ नगर निगम के एक पूर्व पार्षद की मांग पर फिल्म को टैक्स फ्री किया गया है।
आमतौर पर प्रेरणादायक फिल्मों को किया जाता है टैक्स फ्री
आम तौर पर समाज से जुड़ी कोई फिल्म जो किसी प्रेरणादायक विषय पर बनी हो उसे लेकर राज्य सरकार ऐसी छूट दे सकती है। इसका मकसद ज्यादा लोगों को कम रेट में फिल्म दिखा पाना होता है। कई राज्यों में इस विवादित फिल्म को राजनीतिक सहयोग भी प्राप्त हो रहा है। चंडीगढ़ समेत हरियाणा, गुजरात, मध्य प्रदेश, गोआ, कर्नाटक, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश तथा उत्तराखंड इसे टैक्स फ्री घोषित कर चुके हैं।
यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स के विचारों को भी पेश किया है फिल्म में
11 मार्च को रिलीज हुई इस फिल्म में 90 के दशक में कश्मीरी पंडितों को कश्मीर से खदेड़ने और नरसंहार की घटनाओं को बेहद ही संवेदनशील ढंग से दिखाया गया है। इसके अलावा एक एजुकेशनल इंस्टीट्यूट में धार्मिक रूप से अलगाव की भावना रखने वाले स्टूडेंट्स और उन्हें भड़काने वाली एक टीचर के विचारों को भी प्रमुखता से व्यक्त किया गया है। इस फिल्म का यह हिस्सा दिल्ली की नामी यूनिवर्सिटी और एक स्टूडेंट लीडर से प्रभावित नजर आता है।
इस प्रकार वसूला जाता है टैक्स
2017 में GST आने से पहले राज्य सरकारें एंटरटेनमेंट टैक्स वसूलती थी। यह हर राज्य में अलग होता था। टैक्स फ्री करने से इंटरटेनमेंट टैक्स खत्म हो जाता है। इससे फिल्म की टिकट सस्ती हो जाती है। शुरुआती स्तर पर एक मूवी टिकट पर 28 प्रतिशत जीएसटी था। इसके बाद दो स्लैब लाई गई। 100 रुपए से कम की टिकट पर 12 प्रतिशत जीएसटी और महंगी टिकटों पर 18 प्रतिशत जीएसटी। इसका राजस्व केंद्र और राज्य सरकारें बांटती हैं। जब राज्य सरकारें फिल्म को टैक्स फ्री करती हैं तो सिर्फ अपने हिस्से का जीएसटी (SGST) छोड़ती हैं। यह छूट 6 से 9 प्रतिशत तक हो सकती है।
इन फिल्मों को टैक्स फ्री किया जा चुका है
देश में इससे पहले गांधी(1982) को टैक्स फ्री घोषित किया गया था। वर्ष 2016 में स्पोर्ट्स मूवी दंगल तथा सच्ची घटना और बहादुरी पर आधारित फिल्म नीरजा को कई राज्यों में टैक्स फ्री किया गया था। इनके अलावा 2017 में आई टॉयलेट: एक प्रेम कथा, 2020 में एसिड अटैक पर बनी फिल्म छपाक, मैरी कोम (2014), तारें जमीन पर (2007), मर्दानी (2014), नील बटे सन्नाटा (2015) जैसी फिल्मों को भी कई राज्य सरकारें टैक्स फ्री कर चुकी हैं।