The News Air- राष्ट्रीय बालिका दिवस भारत में हर साल 24 जनवरी को मनाया जाता है। इसकी शुरुआत महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार ने वर्ष 2008 में की थी। इस दिन विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिसमें बालिकाओं के लिए स्वस्थ और सुरक्षित वातावरण बनाने समेत कई जागरूकता कार्यक्रम शामिल हैं। राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने के लिए 24 जनवरी का दिन इसलिए चुना गया, क्योंकि इसी दिन 1966 में इंदिरा गांधी ने भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली थी। राष्ट्रीय बालिका दिवस के आयोजन का उद्देश्य समाज में बालिकाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना और उनके साथ होने वाले भेदभाव को दूर करने के लिए संदेश देना है।
राष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Koo App के माध्यम से लोग बधाई संदेश भेज रहे हैं। सोशल मीडिया पर #NationalGirlChildDay ट्रेंड भी कर रहा है। वहीं, हरियाणा, पंजाब की धुरंधर बेटियों को कई नेता तथा गुरु, देसी माइक्रो-ब्लॉगिंग ऐप Koo के माध्यम से शुभकामनाएं देते नज़र आ रहे हैं:
मालविका सूद ने कू ऐप पर लिखी अपनी पोस्ट में कहा, “आज राष्ट्रीय बालिका दिवस है और मैं सभी लड़कियों, उनके जज्बे, उनके सपनों और उनकी उपलब्धियों को सलाम करती हूं। मैं लंबे समय से लड़कियों के अधिकारों और उनके भविष्य की भलाई के लिए सक्रिय हूं और मैं वादा करती हूं कि हमेशा इसके लिए सक्रिय रहूंगी।
#NationalGirlChildDay2020″
हरसिमरत कौर बादल ने अपनी कू ऐप पोस्ट में लिखा, “#NationalGirlChildDay पर देश की सभी बेटियों को बधाई। हमारी बेटियों के उज्ज्वल भविष्य के निर्माण के लिए एक मजबूत नींव की आवश्यकता होती है जो बिना शर्त प्यार, सही शिक्षा और परिवार में समान स्थिति के साथ ही हो सकती है।”
डीपीआर हरियाणा ने अपने ऑफिशियल कू हैंडल माध्यम से बालिकाओं को शुभकामनाएँ देते हुए कहा है:
“राष्ट्रीय बालिका दिवस की शुभकामनाएं।”
#Haryana #DIPRHaryana #BetiBachaoBetiPadhao”
उक्त पोस्ट में प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है:
“हरियाणा में हमारी प्राथमिकता में शामिल है बेटियों की शिक्षा तथा सुरक्षा। ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान के तहत सर्वप्रथम बेटियों के विश्वास को नई ऊर्जा देने और समाज की चेतना को जगाने का अभियान शुरू किया गया, जिसका परिणाम यह है कि आज हरियाणा में लिंगानुपात बढ़कर 914 हो गया है।”
स्वामी अवधेशानंद गिरी ने भी कू के माध्यम से बेटियों के मोल से अवगत कराकर कहा है:
“विद्या: समस्त देवी भेद: इस्त्री: समस्त: सकल जगत्सु। #राष्ट्रीयबालिकादिवस की हार्दिक शुभकामनाएं! #NationalGirlChildDay #Koo #KooForIndia #KooKiyakya for India
बेटियाँ परमात्मा का स्वरुप हैं और भारत की संस्कृति, संस्कार, सभ्यता और संवेदनाएँ कन्या को देवी के रूप में स्वीकार करती हैं। बेटियाँ दोनों कुल में यश वृद्धि का कारण बनती हैं। सृष्टि का प्रसार और साकारता स्त्री के कारण ही है। इसलिए उनका सम्मान करें, वे पूज्यनीय हैं।”
पश्चिम लुधियाना के विधायक भारत भूषण आशु कू करते हुए कहते हैं:
“#NationalGirlChildDay पर, आइए हम लड़कियों के विकास के लिए सर्वोत्तम वातावरण प्रदान करने का संकल्प लें और सुनिश्चित करें कि उन्हें अपनी पूरी क्षमता का एहसास करने के लिए समान अधिकार और अवसर मिले। कांग्रेस सरकार बालिकाओं को सर्वोत्तम शैक्षिक सुविधाएं और सुरक्षित और सुरक्षित वातावरण प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।”
“बेटियां हमारे समाज की रीढ़ हैं और वे सम्मान की पात्र हैं। इस राष्ट्रीय बाल दिवस पर आइए हम उन्हें सशक्त बनाने और उन्हें समान अधिकार देने का संकल्प लें।”
कई अन्य नेताओं तथा विभागों ने कू के माध्यम से शुभकामनाएँ दी हैं:
बता दें कि भारत में लड़कियों की साक्षरता दर, उनके साथ भेदभाव तथा कन्या भ्रूण हत्या बड़े मसलों में से एक है। कन्या भ्रूण हत्या की वजह से लड़कों की तुलना में लड़कियों की संख्या कम है। लड़कियों की साक्षरता दर भी एशिया में सबसे कम है। एक सर्वे के अनुसार, भारत में 42 फीसदी लड़कियों को दिन में एक घंटे से कम समय मोबाइल फोन इस्तेमाल की इजाजत दी जाती है। अधिकांश अभिभावकों को यह लगता है कि मोबाइल फोन ‘असुरक्षित’ हैं और ये उनका ध्यान भंग करते हैं।
राष्ट्रीय बालिका दिवस का महत्व
भारत सरकार ने समाज में समानता लाने के लिए राष्ट्रीय बालिका दिवस की शुरुआत की है। इस अभियान का उद्देश्य देशभर की लड़कियों को जागरूक करना है। साथ ही लोगों को यह बताना है कि समाज के निर्माण में महिलाओं का समान योगदान है। इसमें सभी क्षेत्रों के लोगों को शामिल किया गया है। उन्हें जागरुक किया गया है कि लड़कियों को भी निर्णय लेने का अधिकार होना चाहिए।