Indigo Flights Cancelled: भारत के हवाई अड्डों पर इन दिनों अफरातफरी का माहौल है, और इसकी मुख्य वजह देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो का भीषण ऑपरेशनल संकट है। 3 दिसंबर को इंडिगो की 200 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गईं और 100 से अधिक देरी से उड़ीं। अकेले नवंबर महीने में 1200 से ज्यादा फ्लाइट्स रद्द हुई हैं। इस पूरे संकट के पीछे डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) का एक नया नियम है, जिसने इंडिगो की कमर तोड़ दी है।
भारत में सबसे बड़ा मार्केट शेयर रखने वाली इंडिगो रोजाना 2200 से ज्यादा फ्लाइट्स ऑपरेट करती है। अपनी समय की पाबंदी (On-Time Performance) के लिए मशहूर इस एयरलाइन का प्रदर्शन 2 दिसंबर को गिरकर महज 35% रह गया, जो आम दिनों में 80% रहता है। इसका मतलब है कि 1400 से ज्यादा फ्लाइट्स देरी से चलीं। दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद और बेंगलुरु जैसे प्रमुख एयरपोर्ट्स पर यात्रियों को सबसे ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, जिन्हें आखिरी मिनट में फ्लाइट कैंसिलेशन की जानकारी मिल रही है।
क्या है DGCA का नया FDTL नियम?
इस पूरे संकट की जड़ में DGCA का नया ‘फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन’ (FDTL) नियम है, जो 1 नवंबर 2025 से लागू हुआ है। यह नियम पायलटों और केबिन क्रू के काम के घंटों और आराम की अवधि (Rest Period) को तय करता है। DGCA का मानना था कि एयरलाइंस अपने क्रू से ज्यादा काम करवा रही हैं, जिससे उनकी थकान बढ़ती है और हवाई सुरक्षा को खतरा पैदा हो सकता है।
नए नियमों के तहत, क्रू मेंबर्स की फ्लाइंग ड्यूटी को 8 घंटे तक सीमित कर दिया गया है। हफ्ते में उनकी ड्यूटी 35 घंटे और महीने में 125 घंटे से ज्यादा नहीं हो सकती। पायलटों के लिए भी हर हफ्ते कम से कम दो दिन के बराबर (48 घंटे) आराम अनिवार्य किया गया है। किसी भी दो साप्ताहिक आराम के बीच का अंतर 168 घंटे से ज्यादा नहीं हो सकता। इसके अलावा, रात की उड़ानों और लैंडिंग पर भी सख्त सीमाएं लगाई गई हैं।
क्रू की कमी से बिगड़ा शेड्यूल
नए FDTL नियमों के लागू होने से अचानक केबिन क्रू और पायलटों की उपलब्धता कम हो गई। जो पायलट और क्रू पहले डबल ड्यूटी या ज्यादा घंटे काम कर रहे थे, अब वे नियमों के दायरे में आ गए। इस कमी के कारण फ्लाइट्स को ऑपरेट करना मुश्किल हो गया और आखिरी मिनट में कैंसिलेशन और देरी की नौबत आ गई।
इंडिगो का कहना है कि इसके अलावा सर्दियों का शेड्यूल, खराब मौसम, एयर ट्रैफिक में भीड़ और कुछ तकनीकी व सिस्टम ग्लिच भी इस संकट के लिए जिम्मेदार हैं। एयरलाइन ने बताया कि स्थिति को सामान्य करने के लिए उन्होंने अपने शेड्यूल में बदलाव (calibrated integration) शुरू कर दिए हैं और अगले 48 घंटों में परिचालन के सामान्य होने की उम्मीद है।
यात्रियों के लिए क्या हैं विकल्प?
इंडिगो ने प्रभावित यात्रियों को सलाह दी है कि वे अपनी रद्द उड़ानों के लिए पूरा रिफंड ले सकते हैं या अपनी सुविधा अनुसार किसी वैकल्पिक फ्लाइट की फ्री बुकिंग कर सकते हैं। यात्री भविष्य की यात्रा के लिए ‘क्रेडिट शेल’ का विकल्प भी चुन सकते हैं। एयरलाइन ने मदद के लिए पीएनआर या लेनदेन आईडी तैयार रखने को कहा है।
जानें अपने अधिकार
अगर एयरलाइन की तरफ से फ्लाइट कैंसिल होती है, तो यात्री पूरे रिफंड के हकदार हैं। यदि यात्री सफर से 3 दिन पहले टिकट कैंसिल करता है, तो कैंसिलेशन फीस के तौर पर 3500 रुपये या बेस फेयर प्लस फ्यूल सरचार्ज (जो भी कम हो) काटा जाता है। वहीं, फ्लाइट से 3 से 24 घंटे पहले टिकट रद्द करने पर 499 रुपये का चार्ज लगता है।
इसके अलावा, अगर आपकी फ्लाइट 2 घंटे से ज्यादा लेट होती है, तो एयरलाइन को आपको मुफ्त खाना देना होता है। रात भर की देरी होने पर होटल की सुविधा और कुछ मामलों में मुआवजा भी देना पड़ सकता है। हालांकि, यह संकट DGCA के नए नियमों के कारण है, जो लंबी अवधि में यात्रियों की सुरक्षा के लिए फायदेमंद होगा, लेकिन फिलहाल इंडिगो और उसके ग्राहकों के लिए यह एक बड़ा सिरदर्द बना हुआ है।
मुख्य बातें (Key Points)
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DGCA के नए FDTL नियमों के कारण इंडिगो का ऑपरेशनल संकट गहराया।
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3 दिसंबर को 200 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल और 100 देरी से उड़ीं।
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नए नियम क्रू और पायलटों के ड्यूटी घंटों और आराम की सीमा तय करते हैं।
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क्रू की कमी और तकनीकी ग्लिच को संकट का प्रमुख कारण बताया गया।
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इंडिगो ने 48 घंटे में स्थिति सामान्य होने की उम्मीद जताई है।






