चंडीगढ़, 20 फ़रवरी (The News Air):- 20 फरवरी 2025 का विस्तृत पंचांग और राशिफल पंचांग:
दिनांक:- 20/02/2025, गुरुवार
सप्तमी, कृष्ण पक्ष,
फाल्गुन मास
समाप्ति काल
तिथि: सप्तमी तक 09:57:44
पक्ष: कृष्ण
नक्षत्र: विशाखा तक 13:29:14
योग: ध्रुव तक 11:32:38
करण: बव 09:57:45 से, बालव 23:01:34 तक
वार: गुरुवार
माह: फाल्गुन
चंद्र राशि: वृश्चिक
सूर्य राशि: कुम्भ
ऋतु: वसंत
आयन: उत्तरायण
संवत्सर: पिंगल
विक्रम संवत: 2081
गुजराती संवत: 2081
शक संवत: 1946
कलि संवत: 5125
वृन्दावन में समय:
सूर्योदय: 06:53:21
सूर्यास्त: 18:12:46
दिन काल: 11:19:25
रात्रि काल: 12:39:41
चंद्रास्त: 10:55:51
चंद्रोदय: 25:14:42
लग्न: कुम्भ 7°27′, 307°27′
ग्रह स्थिति:
सूर्य = कुम्भ 07°40′, शतभिषा, 1 गो
चन्द्र = वृश्चिक 00°30′, विशाखा, 4 तो
बुध = कुम्भ 16°52′, शतभिषा, 3 सी
शुक्र = मीन 14°05′, उ.फा., 4 ञ
मंगल = मिथुन 22°30′, पुनर्वसु, 1 के
गुरु = वृषभ 17°30′, रोहिणी, 3 वी
शनि = कुम्भ 25°28′, पू.भा., 2 सो
राहू = (व) मीन 04°40′, उ.भा., 1 दू
केतु = (व) कन्या 04°40′, उ.फा., 3 पा
शुभ मुहूर्त:
राहू काल: 13:58 – 15:23 (अशुभ)
यम घंटा: 06:53 – 08:18 (अशुभ)
गुली काल: 09:43 – 11:08 (अशुभ)
अभिजित: 12:10 – 12:56 (शुभ)
दूर मुहूर्त: 10:40 – 11:25, 15:12 – 15:57 (अशुभ)
वर्ज्यम: 17:55 – 19:42 (अशुभ)
प्रदोष: 18:13 – 20:47 (शुभ)
चोघडिया, दिन:
शुभ: 06:53 – 08:18
रोग: 08:18 – 09:43
उद्वेग: 09:43 – 11:08
चर: 11:08 – 12:33
लाभ: 12:33 – 13:58
अमृत: 13:58 – 15:23
काल: 15:23 – 16:48
शुभ: 16:48 – 18:13
चोघडिया, रात:
अमृत: 18:13 – 19:48
चर: 19:48 – 21:23
रोग: 21:23 – 22:58
काल: 22:58 – 24:33
लाभ: 24:33 – 26:08
उद्वेग: 26:08 – 27:43
शुभ: 27:43 – 29:18
अमृत: 29:18 – 30:52
होरा, दिन:
बृहस्पति: 06:53 – 07:50
मंगल: 07:50 – 08:47
सूर्य: 08:47 – 09:43
शुक्र: 09:43 – 10:40
बुध: 10:40 – 11:36
चन्द्र: 11:36 – 12:33
शनि: 12:33 – 13:30
बृहस्पति: 13:30 – 14:26
मंगल: 14:26 – 15:23
सूर्य: 15:23 – 16:20
होरा, रात:
चन्द्र: 18:13 – 19:16
शनि: 19:16 – 20:19
बृहस्पति: 20:19 – 21:23
मंगल: 21:23 – 22:26
सूर्य: 22:26 – 23:29
शुक्र: 23:29 – 24:33
बुध: 24:33 – 25:36
चन्द्र: 25:36 – 26:39
दिशा शूल ज्ञान:
दिशा: दक्षिण
परिहार: यदि यात्रा करनी हो तो घी या केसर खाकर यात्रा करें और निम्नलिखित मंत्र का उच्चारण करें:
“शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च, भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय:”
अग्नि वास ज्ञान:
यात्रा, विवाह, व्रत, गोचरेषु कार्य में आग्निचक्र का प्रयोग नहीं करना चाहिए।