The News Air – (चंडीगढ़) पंजाब के फरीदकोट में श्री गुरू ग्रंथ साहिब चोरी होने के मामले की जांच कर रही स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) आज फिर डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम से पूछताछ करेगी। इसके लिए टीम सुनारिया जेल रोहतक पहुँची चुकी है। सुबह क़रीब 10:20 बजे जांच टीम सुनारिया जेल पहुँची। पंजाब से 7 गाड़ियों में SIT टीम और क़रीब 30 पुलिसकर्मी रोहतक पहुंचे हैं। इससे पहले भी डेरा सच्चा सौदा प्रमुख से जेल में और डेरा प्रबंधकों से सिरसा डेरा में पूछताछ हो चुकी है। इसी दौरान पूछे गए सवालों में से निकले और सवालों के जवाब डेरा प्रमुख से चाहिएं।
बता दें कि SIT मामले की जांच तेज़ी से कर रही है, क्योंकि उन पर चुनाव से पहले पहले इसे नतीजे पर पहुंचाने का दबाव है। SIT प्रमुख आईजी एसपीएस परमार ने पुष्टि करते हुए कहा है कि हाँ हम राम रहीम से पूछताछ के लिए दोबारा सुनारिया जेल रोहतक पहुंचे हैं। IG एसपीएस परमार की अगुवाई में एसआईटी में एसएसपी मुखविंदर भुल्लर, डीएसपी लखबीर सिंह और इंस्पेक्टर दलबीर सिंह टीम में शामिल हैं।
एक माह में दूसरी बार पूछताछ, प्रबंधकों से भी पूछताछ
राम रहीम से SIT ने गत 9 नवंबर को भी पूछताछ की थी। तब उसने कहा था कि उनका काम सत्संग करने का था, फ़ैसले डेरा की प्रबंधक कमेटी लेती थी। इस आधार पर SIT ने डेरा प्रबंधक विपासना इंसां और पी आर नैन को सम्मन दिए थे, मगर वह हाईकोर्ट चले गए। हाईकोर्ट से आदेश के बाद SIT की टीम सिरसा गई थी। यहां पर पीआर नैन से पूछताछ हुई। इसके बाद फिर से डेरा प्रमुख से पूछताछ हो रही है।
अब तक तक जवाब से संतुष्ट नहीं है SIT
राम रहीम और प्रबंधकों द्वारा दिए गए जवाबों से SIT संतुष्ट नहीं है और यही कारण है कि अभी और भी पूछताछ की जानी है। SIT प्रमुख एसपीएस परमार करते हैं कि जब तक उन्हें अपने सवालों के सही जवाब नहीं मिल जाते, पूछताछ इसी तरह चलती रहेगी। कई दौर की पूछताछ हो सकती है। एसआईटी यही स्पष्ट करना चाहती है कि फरीदकोट में हुई बेअदबी में डेरा प्रबंधकों की कोई भूमिका तो नहीं। हालांकि राम रहीम समेत डेरे के तमाम लोग बेअदबी की घटना में हाथ होने से इनकार कर चुके हैं।
6 साल पुराना गुरु ग्रंथ साहिब चोरी का मामला
बेअदबी का मामला 6 साल पुराना है। 1 जुलाई 2015 को फरीदकोट ज़िले में बरगाड़ी से 5 किलोमीटर दूर स्थित गांव बुर्ज़ जवाहर सिंह वाला के गुरुद्वारे से श्री गुरु ग्रंथ साहिब का पावन स्वरूप चोरी हो गया था। 24 सितंबर 2015 को बरगाड़ी में गुरुद्वारे के पास हाथ से लिखे दो पोस्टर लगे मिले। आरोप है कि पंजाबी भाषा में लिखे इन पोस्टरों में अभद्र भाषा इस्तेमाल की गई और पावन स्वरूपों की चोरी में डेरा सच्चा सौदा का हाथ होने की बात भी लिखी गई। 12 अक्टूबर 2015 को बुर्ज़ जवाहर सिंह वाला की गलियों में पावन स्वरूप के अंग बिखरे मिले। इससे नाराज़ सिख संगत ने रोष प्रदर्शन किया, जिसने उग्र रूप ले लिया था। इस दौरान हुई पुलिस फायरिंग में 2 लोगों की मौत हुई थी।
अब तक 5 की गिरफ़्तारी, 3 के ख़िलाफ़ लुकआउट नोटिस
बेअदबी और गोलीकांड के इस मामले में साल 2015 में 3 अलग-अलग एफआईआर दर्ज़ की गईं। इनमें पांच डेरा प्रेमियों रणदीप सिंह उर्फ नीला, रणजीत सिंह, बलजीत सिंह, निशान सिंह और नरिंदर कुमार शर्मा को गिरफ़्तार किया गया, जो अब ज़मानत पर चल रहे हैं। डेरा सच्चा सौदा की नेशनल कमेटी के 3 मेंबर संदीप बरेटा, प्रदीप कलेर और हर्ष धूरी के ख़िलाफ़ लुकआउट नोटिस जारी किए गए। इस बारे में भी राम रहीम से पूछताछ की जाएगी।
CBI समेत 3 SIT कर चुकी जांच
बेअदबी का मामला 2017 के पंजाब विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा बन गया, जिसके चक्कर में अकाली दल की बुरी तरह से हार हुई। अब तक इस मामले की जांच CBI के अलावा पंजाब पुलिस की तीन अलग-अलग SIT कर चुकी हैं, लेकिन बेअदबी करने वाले असल दोषियों के नाम सामने नहीं आ पाए हैं।