चंडीगढ़:कांग्रेस नेता पूर्व विधायक सुखपाल खैहरा को मोहाली की कोर्ट में पेश कर दिया गया है। खैहरा को पिछले गेट से कोर्ट में लाया गया। गुरुवार को उन्हें पूछताछ के बाद चंडीगढ़ के सेक्टर 18 से अरेस्ट किया गया था। जिसके बाद एन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने 14 दिन का रिमांड मांगा था, लेकिन कोर्ट ने एक दिन का दिया। इस मामले में सुनवाई चल रही है।
खैहरा के बेटे सुखपाल खैहरा के बेटे मेहताब खैहरा ने कहा कि कोर्ट में एक लाख डॉलर की फॉरेन फंडिंग की बात कही गई है। जबकि अरविंद केजरीवाल के कहने पर सुखपाल खैहरा अमेरिका गए थे। वह पैसा भी आम आदमी पार्टी को गया था।
खैहरा को ख़ास तौर पर केजरीवाल ने ही भेजा था।
उनके बकायदा पोस्टर भी छपवाए गए थे। जब भी हमें सम्मन आए, हम पेश होते रहे। 9 मार्च को एक ही बार रेड हुई थी। उन्होंने कहा कि जल्द ही हम पूरे मामले को लेकर मीडिया के सामने पेश आएंगे। उनके पास हर पैसे का सुबूत है।
हालांकि यह भी चर्चा है कि खैहरा को पूछताछ के लिए दिल्ली ले जाया जाएगा। खैहरा के ख़िलाफ़ सामान्य रिमांड होगा या ट्रांजिट, इसको लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। सुखपाल खैहरा के फाजिल्का ड्रग रैकेट से तार जुड़ने की बात कही जा रही है। हालांकि खैहरा इसे सियासी साज़िश क़रार दे रहे हैं। उनका कहना है कि किसानों के हक़ में बोलने की वजह से केंद्र की भाजपा सरकार उन्हें फंसा रही है।
ड्रग रैकेट की कॉल डिटेल्स खंगालने के बाद आया खैहरा का नंबर
मार्च 2015 में फाजिल्का पुलिस ने बॉर्डर से हेरोइन तस्करी का रैकेट पकड़ा था। जिसके सरगना गुरदेव सिंह को पकड़कर उसकी कॉल डिटेल्स खंगाली गई। जिससे पता चला कि सुखपाल खैहरा की 11 महीने में 78 बार गुरदेव से फ़ोन पर बात हुई थी। ED ने पंजाब पुलिस की इसी FIR के ज़रिए खैहरा के ख़िलाफ़ इस केस में मनी लॉन्ड्रिंग के लिहाज़ से जांच शुरू की थी।
खैहरा के घर रेड भी कर चुकी ED
सुखपाल खैहरा के ख़िलाफ़ ED कई और मामलों में जांच कर रही है। जिनमें 2017 में चुनाव से पहले अमेरिका से पार्टी फ़ंड के लिए 1.19 लाख डॉलर जुटाने का भी आरोप है। खैहरा इसका हिसाब नहीं दे सके थे, क्योंकि उन्होंने इसे आम आदमी पार्टी की स्पांसर्ड विजिट बताया था। इसके बाद मार्च महीने में उनके घर पर ED की रेड भी हुई थी।
6 साल बाद कैप्टन ने कराई थी कांग्रेस में वापसी
सुखपाल पहले कांग्रेस में थे। इसके बाद वह आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए। भुलत्थ से विधायक बनने के बाद AAP से उन्हें विधानसभा में विपक्ष का नेता बनाया गया। हालांकि बाद में उन्हें इस पद से हटा दिया गया। जिसके बाद 2019 में उन्होंने पंजाब एकता पार्टी बनाई। जून महीने में कांग्रेस छोड़ने के 6 साल बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उन्हें दोबारा कांग्रेस जॉइन करवा दी। 3 महीने पहले ही उनका विधायक पद से इस्तीफ़ा भी मंज़ूर हो गया था।