Census 2021 में देरी को लेकर कांग्रेस नेता सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने सोमवार को राज्यसभा (Rajya Sabha) में केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने मांग की कि जनगणना (Census) को जल्द पूरा किया जाए ताकि सभी पात्र लोगों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (National Food Security Act – NFSA) के तहत उनका हक मिल सके। उन्होंने कहा कि यह कोई विशेषाधिकार नहीं बल्कि मौलिक अधिकार है।
जनगणना की देरी से 14 करोड़ लोगों को नहीं मिल रहा राशन!
सोनिया गांधी ने कहा कि यूपीए सरकार द्वारा लागू राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) का उद्देश्य 140 करोड़ भारतीयों को खाद्य एवं पोषण सुरक्षा देना था। कोविड-19 महामारी के दौरान इसी कानून की वजह से लाखों गरीबों को राहत मिली और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) को आधार मिला।
- सरकार के मुताबिक, NFSA के तहत 75% ग्रामीण और 50% शहरी आबादी को सब्सिडी वाला राशन मिलना चाहिए।
- लेकिन जनगणना 2011 के आंकड़ों पर आधारित कोटे की वजह से 14 करोड़ पात्र लोग अब भी इस सुविधा से वंचित हैं।
- 2021 की जनगणना तय समय पर नहीं हुई और अब तक इस पर कोई स्पष्टता नहीं है कि इसे कब पूरा किया जाएगा।
स्वतंत्र भारत में पहली बार जनगणना में 4 साल की देरी!
सोनिया गांधी ने कहा कि यह स्वतंत्र भारत (Independent India) में पहली बार हुआ है कि Census में 4 साल की देरी हो रही है।
- 2021 में होने वाली जनगणना को महामारी के कारण स्थगित कर दिया गया था।
- लेकिन अब तक सरकार ने इसे कराने की कोई ठोस योजना पेश नहीं की है।
- बजट 2024-25 में जनगणना के लिए अपर्याप्त फंड आवंटन यह संकेत देता है कि 2025 में भी जनगणना की संभावना नहीं है।
कांग्रेस का हमला – गरीबों के अधिकार से खिलवाड़!
सोनिया गांधी ने कहा कि खाद्य सुरक्षा कानून के तहत हर पात्र व्यक्ति को राशन मिलना चाहिए, लेकिन सरकार की निष्क्रियता के कारण करोड़ों लोग इससे वंचित हैं।
- 2011 की जनगणना के आधार पर कोटे का निर्धारण किया जा रहा है, जो अब अप्रासंगिक हो चुका है।
- बढ़ती जनसंख्या और गरीबी दर को देखते हुए सरकार को नई जनगणना कराकर कोटा अपडेट करना चाहिए।
- खाद्य सुरक्षा कोई विशेषाधिकार नहीं, यह नागरिकों का मौलिक अधिकार है।
जनगणना में देरी का क्या असर पड़ेगा?
अगर जनगणना और ज्यादा समय तक नहीं हुई, तो इसका असर गरीबों, मध्यम वर्ग और सरकारी योजनाओं पर पड़ेगा।
- राशन वितरण प्रणाली में बड़े बदलाव की जरूरत होगी।
- सरकारी योजनाओं का सही डेटा उपलब्ध नहीं होगा, जिससे कल्याणकारी योजनाएं प्रभावित होंगी।
- स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार से जुड़ी योजनाओं का सही क्रियान्वयन नहीं हो सकेगा।
सरकार की सफाई – जल्द होगी जनगणना?
सरकार ने अभी तक Census 2021 की नई तारीख घोषित नहीं की है। हालांकि, सूत्रों के अनुसार, 2025 के बाद ही इसे संभव माना जा रहा है।
- केंद्र सरकार का कहना है कि कोविड-19 और तकनीकी चुनौतियों के कारण देरी हो रही है।
- लेकिन विपक्ष का आरोप है कि सरकार राजनीतिक कारणों से जनगणना टाल रही है।
कब पूरी होगी जनगणना?
जनगणना केवल एक आंकड़ा इकट्ठा करने की प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह सरकार की नीतियों और योजनाओं की रीढ़ है। अगर जल्द ही Census 2021 पूरा नहीं हुआ, तो इसका प्रभाव आने वाले चुनावों और सरकारी योजनाओं पर भी पड़ सकता है। अब देखना यह होगा कि सरकार इस पर क्या कदम उठाती है।