सोनीपत: हरियाणा में सोनीपत ज़िले के हलालपुर गांव की कुश्ती एकेडमी में एक महिला पहलवान और उसके छोटे भाई की गोलियां मारकर हत्या कर दी गई। दोनों की हत्या करने वाला कुश्ती कोच पवन कुमार फ़रार है। जिस एकेडमी में दोनों को गोलियां मारी गईं, उसका नाम सुशील कुमार कुश्ती एकेडमी है। निशा को डेढ़ महीने पहले भी गोली मारी गई थी।
बताया जा रहा है कि यह पूर्व ओलिंपियन सुशील कुमार की एकेडमी की फ्रैंचाइजी है और इसे हलालपुर गांव का कुश्ती कोच पवन कुमार चला रहा था। महिला पहलवान 3 साल से इस एकेडमी में प्रैक्टिस कर रही थी। दिनदहाड़े डबल मर्डर की सूचना मिलते ही खरखौदा पुलिस मौक़े पर पहुंच गई। दोनों की बॉडी पोस्टमार्टम के लिए सोनीपत अस्पताल भेजी गई।
निशा को डेढ़ महीने पहले भी मारी गई थी गोली
हलालपुर-नाहरा रोड पर स्थित सुशील कुमार कुश्ती एकेडमी में प्रैक्टिस करने वाली 21 साल की निशा पर पहले भी हमला हो चुका था। डेढ़ महीने पहले ही उसे कुछ युवकों ने गोली मार दी थी। उस घटना के बाद सूरज ही अपनी बहन को एकेडमी में छोड़ने और लेने आता था।
मर्डर के पीछे की वजह पता नहीं
हलालपुर गांव के रहने वाले दीपक के अनुसार, उनकी चचेरी बहन 21 वर्षीय निशा कुश्ती की नेशनल प्लेयर थी। वह ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी मुक़ाबलों में सेकेंड पोजीशन आई थी। निशा 3 साल से हलालपुर गांव में ही नाहरा रोड पर बनी ‘सुशील कुमार कुश्ती एकेडमी’ में सुबह-शाम प्रैक्टिस करने जाती थी। निशा को उसका छोटा भाई सूरज एकेडमी में छोड़ने-लेने आता था।
यह एकेडमी हलालपुर गांव का ही पवन चला रहा था जो यहां कुश्ती कोच भी है। बुधवार सुबह भी निशा रोज़ाना की तरह प्रैक्टिस करने एकेडमी पहुँची तो कुश्ती संचालक पवन और उसके साथी सचिन ने निशा की गोली मारकर हत्या कर दी।
मां और भाई को घर से बुलाकर मारी गोली
दीपक के अनुसार, निशा की हत्या करने के बाद पवन ने निशा की मां धनपति देवी को फ़ोन करके कहा कि प्रैक्टिस ख़त्म हो गई है इसलिए वह निशा को ले जाएं। जब सूरज और धनपति देवी निशा को लेने एकेडमी पहुंचे, तो पवन व सचिन ने उन दोनों पर भी गोली चला दी। गोली लगते ही धनपति देवी वहीं गिर पड़ीं। मां को गिरते देखकर सूरज गांव की तरफ़ भागा ताकि ग्रामीणों से मदद मांग सके मगर पवन और सचिन ने पीछा करके सूरज को भी गोली मार दी।
आरोपी रोहतक का रहने वाला
दीपक के अनुसार, पवन ने उनके चचेरे भाई-बहन को गोली क्यों मारी, वह नहीं जानते। निशा या सूरज का किसी से कोई विवाद नहीं था। अगर विवाद होता तो वह अपनी बहन को एकेडमी में भेजते ही क्यों? दीपक ने बताया कि कुश्ती एकेडमी में क्लोज सर्किट (सीसी) कैमरे लगे हुए थे मगर घटना के बाद एकेडमी संचालक पवन उन्हें उखाड़ ले गया। एकेडमी में कुछ मिस्त्री भी लगे हुए थे जो वारदात के बाद से फ़रार हैं। हलालपुर गांव में सुशील कुमार कुश्ती एकेडमी चलाने वाला पवन रोहतक ज़िले के बालंद गांव का रहने वाला था। वारदात में शामिल सचिन भी उसी का साथी था।
अखाड़े के पहलवानों और ग्रामीणों से पूछताछ
घटना के बाद गांव के लोग आनन-फानन में निशा, सूरज और धनपति देवी को लेकर सोनीपत अस्पताल पहुंचे। अस्पताल के डॉक्टरों ने निशा और सूरज को मृत घोषित कर दिया जबकि उनकी मां की गंभीर हालत को देखते हुए प्राथमिक उपचार के बाद उसे रोहतक पीजीआई रेफर कर दिया। डबल मर्डर की सूचना मिलते ही खरखौदा थाने की पुलिस हलालपुर गांव पहुंच गई। पुलिस अफ़सरों ने अखाड़े में मौजूद पहलवानों से पूछताछ करने के अलावा ग्रामीणों से भी सवाल-जवाब किए। पुलिस ने निशा और सूरज की बॉडी पोस्टमार्टम के लिए सोनीपत सिविल अस्पताल की मॉर्चरी में रखवा दी।
ग्रामीणों ने एकेडमी में तोड़फोड़ की
उधर घटना से नाराज़ हलालपुर गांव के लोगों ने सुशील कुमार कुश्ती एकेडमी में तोड़फोड़ शुरू कर दी। बड़ी संख्या में जमा हुए ग्रामीणों ने हथौड़े लेकर एकेडमी को तोड़ना शुरू कर दिया और मीडियाकर्मियों को वहाँ से खदेड़ दिया। मौक़े की नज़ाकत को भांपते हुए सोनीपत के एसपी राहुल शर्मा और खरखौदा के एएसपी डॉ. मयंक गुप्ता हलालपुर गांव पहुंच गए।