नई दिल्ली, 15 अप्रैल (The News Air): देश की 543 लोकसभा सीटों पर चुनाव होने वाले हैं। 7 चरणों में होने वाले चुनाव के लिए सभी पार्टियां एड़ी चोटी का जोर लगा रही है। जहां नरेंद्र मोदी ने इस लोकसभा चुनाव में बीजेपी के लिए 370 सीटों का और एनडीए के लिए 400 पार का लक्ष्य रखा है। वहीं कांग्रेस गठबंधन के कई नेताओं का कहना है कि केंद्र में बीजेपी की सत्ता जाती हुई दिख रही है। चुनाव माहौल के बीच केंद्र सरकार और विपक्ष के बीच बयानों की तीरंदाजी भी देखने को मिल रही है। हर कोई अपने तरकश से तीर निकालकर जीत का निशाना साध रहा है। हालांकि इस लोकसभा चुनाव में किसके सिर पर जीत का सेहरा सजेगा ये तो 4 जून को ही पता चल पाएगा। हालांकि उससे पहले विपक्ष एकजुट होकर चुनाव में मोदीफोबिया का नैरेटिव सेट करने में लगा है।
क्या कह रहे हैं विपक्षी नेता
लोकसभा चुनाव के लिए विपक्षी दल एकजुट होकर बीजेपी को सत्ता से हटाना चाह रहे हैं। इसके लिए विपक्षी दलों के नेताओं ने केंद्र सरकार तानाशाह तक करार दिया है। पिछले महीने जब अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया तो आप के कई नेताओं ने इसे केंद्र सरकार की तानाशाही बता दिया था। आप ही नहीं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर कहा था कि डरा हुआ तानाशाह एक मरा हुआ लोकतंत्र बनाना चाहता है। वहीं जेल से जमानत पर बाहर आने पर आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने कहा कि आप का एक एक कार्यकर्ता संघर्ष के लिए तैयार है। हम मिलकर संघर्ष करेंगे और तानाशाही हुकूमत को हटाएंगे। विपक्ष बार- बार केंद्र सरकार पर तानाशाही शब्दभेदी बाण चला रहा है। हालांकि विपक्षी नेताओं के इन सभी बयानों पर हाल ही में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि जिन्होंने आपातकाल के माध्यम से तानाशाही थोपी, वे हम पर तानाशाही होने का आरोप लगाते हैं।
विपक्षी नेता आरक्षण को लेकर भी केंद्र सरकार पर काफी लंबे वक्त हमला कर रहे हैं। हाल ही में संजय सिंह ने दावा किया कि बीजेपी के नेता दो-तिहाई बहुमत मांग रहे हैं ताकि वे संविधान बदल सकें। संजय सिंह ने यह भी दावा किया कि बीजेपी सत्ता में आते आरक्षण खत्म कर देगी। विपक्षी नेताओं के दावों के उलट बीजेपी का कहना है कि आदिवासियों, दलितों व पिछड़े वर्गों का आरक्षण न तो खत्म करेंगे न ही होने देंगे।
ऐसे में विपक्षी नेताओं के हर बाण का बीजेपी नेता जमकर जवाब दे रहे हैं। ऐसे में विपक्षी गठबंधन के नेताओं का मोदीफोबिया का नैरेटिव सेट करने की कोशिश कुछ खास कामयाब होती नहीं दिख रही है। ऐसे में विपक्षी नेताओं को लोकसभा चुनाव 2024 जीतने के लिए केंद्र सरकार पर आरोप लगाने से अलग भी कुछ मेहनत करनी पड़ेगी।
कितना मुश्किल है India गठबंधन का जीतना ?
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 37.7 फीसदी वोट शेयर के साथ 303 सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं कांग्रेस 19.7 फीसदी वोट पर ही सिमट गई थी। जबकि अन्य 30.9 फीसदी वोट हासिल कर पाई थी। ऐसे में इस बार विपक्षी गठबंधन को अपना वोट शेयर बढ़ाने पर ध्यान देना होगा। कांग्रेस के सामने यूपी, उत्तराखंड, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में अपने वोट शेयर बढ़ाना होगा। दरअसल साल 2019 में बीजेपी को इन राज्यों में 50 फीसदी या उससे अधिक वोट मिले थे। ऐसे में विपक्ष जीत हासिल करना चाहता है तो उसे अपना वोट प्रतिशत बढ़ाना होगा।
इन राज्यों में और मेहनत की जरूरत
साल 2019 में कांग्रेस यूपी, बिहार, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में एक-एक, पश्चिम बंगाल में दो सीटों पर सिमट गई थी। इसके साथ ही कई राज्यों समेत केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली में तो कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला था। ऐसे में पार्टी को अगर बीजेपी को कड़ी टक्कर देने के लिए इन राज्यों में अपना प्रदर्शन ठीक करना होगा।