पूर्णिया, 30 जनवरी (The News Air) कांग्रेस नेता Rahul Gandhi ने मंगलवार को देश में जातीय जनगणना करवाने पर जोर देते हुए कहा कि देश के भविष्य के लिए लोगों को सामाजिक और आर्थिक न्याय जरूरी है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि बिहार में सामाजिक न्याय के लिए हमें नीतीश की जरूरत नहीं है। देश में सामाजिक न्याय और आर्थिक न्याय से बड़ी कोई बात नहीं है। देश का भविष्य चाहते हैं तो यह जनता को देनी ही पड़ेगी।
Rahul Gandhi इन दिनों अपनी भारत जोड़ो न्याय यात्रा के क्रम में बिहार में हैं। मंगलवार को उन्होंने पूर्णिया के रंगभूमि मैदान में रैली को संबोधित करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि उन पर जरा भी दबाव पड़ता है, वे यू-टर्न ले लेते हैं।
उन्होंने इस दौरान एक चुटकुला सुनाते हुए कहा कि वे शपथ लेते हैं तो खूब तालियां बजती हैं। नीतीश सीएम हाउस की ओर निकल जाते हैं। फिर पता चलता है कि वो अपना शॉल राजभवन में छोड़ आए। वो लेने जाते हैं तो राज्यपाल भी कहते हैं, इतनी जल्दी आ गए।
Rahul Gandhi ने जोर देकर कहा कि बिहार में लोगों को सामाजिक न्याय दिलाना हमारे गठबंधन की जिम्मेदारी है और इसके लिए हमें नीतीश जी की जरूरत नहीं है। मैंने उनसे सीधे कहा कि आपको बिहार में जातीय जनगणना करानी होगी। जब हमने नीतीश जी से सर्वे कराने पर जोर दिया तब भाजपा डर गई। भाजपा इसके विरोध में है। नीतीश जी फंस गए और भाजपा ने उन्हें भागने के लिए रास्ता उपलब्ध करा दिया।
आज किसानों को चारों तरफ से घेरा जा रहा है।
एक तरफ किसानों से उनकी जमीनें छीनकर अडानी जैसे बड़े उद्योगपतियों को दी जा रही हैं।
दूसरी तरफ खाद, बीज जैसी चीजों के लिए किसानों से पैसा छीना जा रहा है।
हमारे किसान देश की रीढ़ हैं।
अगर देश में अरबपतियों के लाखों करोड़ रुपए माफ हो… pic.twitter.com/7zIAJls580
— Congress (@INCIndia) January 30, 2024
उन्होंने कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) देश का सबसे बड़ा समाज है, लेकिन, मैं अगर आपसे सवाल करूंगा कि देश में ओबीसी समाज की आबादी कितनी है तो आप नहीं बता पाएंगे। इस देश में किसकी कितनी आबादी है? इसको लेकर गिनती हो जानी चाहिए है। इससे हमें पता चलेगा कि किस समाज की कितनी जनसंख्या है।
उन्होंने इसे सामाजिक न्याय बताया। उन्होंने साफ कहा कि यह प्रदेश हजारों साल से सामाजिक और आर्थिक न्याय का रास्ता दिखा रहा है। उन्होंने आर्थिक न्याय की चर्चा करते हुए मखाना का उदाहरण देते हुए कहा कि मखाना के किसानों को उचित कीमत नहीं मिल पा रहा है।