Waqf Bill: केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए Waqf Amendment Bill 2024 को सोमवार (27 जनवरी 2025) को संयुक्त संसदीय समिति (JPC) ने मंजूरी दे दी। इस बिल में सत्तारूढ़ NDA (National Democratic Alliance) के 14 संशोधनों को स्वीकार कर लिया गया है। वहीं, विपक्षी दलों द्वारा प्रस्तावित सभी संशोधनों को खारिज कर दिया गया।
क्या है वक्फ संशोधन विधेयक का उद्देश्य?
वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024, भारत में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और निगरानी को लेकर मौजूदा कानूनों में बदलाव करने के लिए पेश किया गया था। इसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के बेहतर और पारदर्शी उपयोग को सुनिश्चित करना है।
मुख्य बदलाव:
- वक्फ संपत्तियों का उपयोग: अब केवल धार्मिक उपयोग के लिए लंबे समय तक इस्तेमाल की गई संपत्तियों को ही वक्फ संपत्ति माना जाएगा।
- संपत्ति पर विवाद का अंत: ‘उपयोगकर्ता द्वारा वक्फ’ के आधार पर संपत्तियों को चैलेंज नहीं किया जा सकेगा।
NDA के 14 संशोधनों को मिली स्वीकृति
JPC के अध्यक्ष जगदम्बिका पाल ने बताया कि NDA के 14 प्रावधानों को मंजूरी दी गई है। हालांकि, विपक्ष द्वारा 44 प्रावधानों में दिए गए सैकड़ों संशोधनों को खारिज कर दिया गया।
पाल का बयान: उन्होंने कहा, “इन संशोधनों से कानून ज्यादा प्रभावी और प्रासंगिक होगा। यह पूरी प्रक्रिया लोकतांत्रिक थी और बहुमत की राय के आधार पर निर्णय लिया गया है।”
विपक्ष ने जताई आपत्ति, संसदीय प्रक्रिया पर उठाए सवाल
विपक्षी सांसदों ने JPC की कार्यवाही को “तानाशाही” करार दिया।
- तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसद कल्याण बनर्जी ने आरोप लगाया, “हमारी बात सुनी ही नहीं गई। यह पूरी कवायद सिर्फ दिखावा थी।”
- विपक्ष के कई सांसद, जिनमें ए राजा (DMK) और असदुद्दीन ओवैसी (AIMIM) शामिल थे, ने अलग-अलग वक्फ बोर्ड बनाने का कड़ा विरोध किया।
500 पन्नों की रिपोर्ट तैयार
JPC ने लगभग 500 पन्नों की रिपोर्ट तैयार की है, जिसमें NDA के संशोधनों को शामिल किया गया है। अगर विपक्ष डिसेंट नोट देता है, तो यह रिपोर्ट का हिस्सा होगा। रिपोर्ट को 29 जनवरी को संसद में पेश किया जाएगा।
विपक्षी सांसदों का निलंबन और बढ़ता विवाद
बैठक में हंगामे के बाद विपक्षी दलों के 10 सांसदों को एक दिन के लिए निलंबित कर दिया गया।
निलंबित सांसद:
- कल्याण बनर्जी (TMC)
- नासिर हुसैन (Congress)
- ए राजा (DMK)
- असदुद्दीन ओवैसी (AIMIM)
वक्फ संशोधन बिल क्यों है महत्वपूर्ण?
भारत में वक्फ संपत्तियों की संख्या करोड़ों में है, जिनका सही प्रबंधन और उपयोग सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है। यह बिल:
- वक्फ संपत्तियों पर विवाद खत्म करेगा।
- प्रबंधन को पारदर्शी बनाएगा।
- धार्मिक समुदायों के बीच समरसता को बढ़ावा देगा।
आगे की प्रक्रिया
बिल को 29 जनवरी 2025 को संसद में पेश किया जाएगा। इसके बाद राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलने के बाद इसे लागू किया जाएगा।
Waqf Amendment Bill 2024 देश में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार का एक बड़ा कदम साबित हो सकता है। हालांकि, विपक्ष के विरोध और संशोधनों को खारिज किए जाने के चलते इसे लेकर राजनीतिक तापमान काफी बढ़ चुका है। यह देखना दिलचस्प होगा कि संसद में इस पर क्या रुख अपनाया जाता है।