वॉशिंगटन (Washington) 21 जनवरी (The News Air): अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने शपथ ग्रहण के तुरंत बाद BRICS (Brazil, Russia, India, China, South Africa) देशों पर 100% टैरिफ लगाने की धमकी दी है। ट्रंप का यह बयान BRICS देशों की “D-Dollarization” यानी अंतरराष्ट्रीय व्यापार में अमेरिकी डॉलर (US Dollar) पर निर्भरता कम करने की कोशिशों को लेकर आया है।
20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद ट्रंप ने अपने पहले भाषण में कहा, “अगर BRICS देश अमेरिकी डॉलर से हटकर कोई विकल्प अपनाने की कोशिश करेंगे, तो हम उन पर भारी टैक्स लगाएंगे।” यह बयान भारत सहित अन्य BRICS देशों के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है।
BRICS का “D-Dollarization” प्लान : BRICS देशों ने 2023 में हुए 15वें शिखर सम्मेलन (Summit) में अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता कम करने और अपनी साझा करेंसी (BRICS Currency) पर विचार किया था।
- रूस (Russia) और चीन (China): डॉलर को छोड़ने के पक्ष में हैं।
- भारत (India): अभी तक इस पहल में शामिल नहीं हुआ है।
- शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das): भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर ने स्पष्ट किया कि भारत का फोकस केवल घरेलू व्यापार को जोखिम मुक्त करना है।
ट्रंप के इस बयान के बाद अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर इसका प्रभाव पड़ने की आशंका बढ़ गई है।
भारतीय शेयर बाजार पर असर : ट्रंप की धमकी के कारण भारतीय शेयर बाजार (Indian Stock Market) में गिरावट देखी गई।
- सेंसेक्स (Sensex): 850 अंक गिर गया।
- निफ्टी (Nifty): भी शुरुआती कारोबार में नीचे रहा।
विशेषज्ञों के अनुसार, अमेरिका और BRICS देशों के बीच व्यापार तनाव से भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) पर असर पड़ सकता है।
ट्रंप का बयान: क्यों है खास? : ट्रंप का यह बयान वैश्विक व्यापार (Global Trade) और कूटनीति (Diplomacy) के लिए महत्वपूर्ण है। BRICS दुनिया का ऐसा प्रमुख अंतरराष्ट्रीय संगठन है जिसमें अमेरिका शामिल नहीं है।
- BRICS के सदस्य: Brazil, Russia, India, China, South Africa, हाल ही में United Arab Emirates (UAE), Iran, और Ethiopia भी जुड़े हैं।
- 2009 में गठन: BRICS का उद्देश्य विकासशील देशों को आर्थिक ताकत देना है।
क्या है D-Dollarization? : D-Dollarization का मतलब है अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता कम करना।
- प्लान: व्यापार के लिए सदस्य देश अपनी राष्ट्रीय मुद्राओं (National Currencies) का उपयोग करें।
- रूस: D-Dollarization का बड़ा समर्थक है।
- चीन: इसे अपनी अर्थव्यवस्था मजबूत करने का जरिया मानता है।
भारत पर क्या असर होगा? : ट्रंप की धमकी से भारतीय व्यापार और निवेश पर असर पड़ सकता है।
- निर्यात (Export): अमेरिकी टैरिफ बढ़ने से भारत को निर्यात में नुकसान होगा।
- डॉलर की भूमिका: डॉलर आधारित व्यापार महंगा हो सकता है।
- शेयर बाजार: पहले ही गिरावट दर्ज कर चुका है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि भारत को अमेरिका के साथ व्यापारिक रिश्तों में सतर्कता बरतनी होगी।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ? : विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका और BRICS देशों के बीच तनाव से वैश्विक व्यापार प्रभावित होगा।
अंतरराष्ट्रीय संबंध विशेषज्ञ डेविड मिलर (David Miller): “अगर ट्रंप टैरिफ लगाते हैं, तो BRICS देशों के साथ-साथ खुद अमेरिका को भी नुकसान होगा।”
डोनाल्ड ट्रंप के बयान ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार में हलचल मचा दी है। भारत जैसे विकासशील देश को इस परिस्थिति में सतर्क रहना होगा। BRICS का “D-Dollarization” प्लान और अमेरिकी टैरिफ के बीच संतुलन बनाना आसान नहीं होगा।
“ट्रंप की नीति पर दुनिया की नजर है, लेकिन क्या BRICS इसका मुकाबला कर पाएगा?”