नई दिल्ली, 14 अप्रैल (The News Air): संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) अनाज की गुणवत्ता के बहाने गेहूँ की खरीद मूल्य को घटाने के केंद्र सरकार के किसानों पर नवीनतम हमले की कड़ी निंदा करता है। यह सर्वविदित है कि जलवायु परिवर्तन और असामयिक बारिश के कारण इस साल फसल खराब हुई है। हालांकि, सरकार अब इस प्राकृतिक आपदा के लिए, अनाज के खरीद मूल्य में ₹ 31.87 प्रति क्विंटल तक कटौती कर के, किसानों को दंडित करने का प्रयास कर रही है।
गुणवत्ता के बहाने गेहूँ की खरीद मूल्य को कम करने का केंद्र सरकार का निर्णय किसानों को धोखा देने और उन्हें उनके सही मेहनताना से वंचित करने के अलावा कुछ भी नहीं है है। इससे पहले, सरकार ने खरीद को कम करने के लिए खरीद मात्रा पर सीमा का इस्तेमाल किया था। अब सरकार गुणवत्ता के बहाने खरीद को कम करने की कोशिश कर रही है, जो पूरी तरह से अनुचित है। ये कृषि-विरोधी नीतियां स्पष्ट रूप से ऐतिहासिक किसान आंदोलन, जिसके कारण पीएम को लोक-शक्ति के आगे झुकना पड़ा था, के लिए किसानों के खिलाफ एक प्रतिशोध है।
एसकेएम मांग करता है कि फसल के हर दाने को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदा जाए। एसकेएम गुणवत्ता के आधार पर खरीद में किसी भी कटौती को बर्दाश्त नहीं करेगा, क्योंकि जलवायु परिवर्तन के कारण गुणवत्ता में कमी-बेशी किसानों की गलती नहीं है। एसकेएम केंद्र सरकार को चेतावनी देता है कि वह तुरंत मूल्य-कटौती पर इस परिपत्र वापस ले और पिछले वर्षों की तरह एमएसपी पर पूर्ण खरीद करे।
एसकेएम 18 अप्रैल को केंद्र सरकार की इस अत्याचारी किसान-विरोधी नीति के खिलाफ एक राष्ट्रव्यापी विरोध का आह्वान करता है। यदि सरकार इस परिपत्र को वापस नहीं लेती है, तो विरोध प्रदर्शन और तेज होंगे।