Ghaziabad Violence: देश में कई जगह सांप्रदायिक हिंसे हो रहे हैं। वहीं एक मामला यूपी के गाजियाबाद से आया है। जहां सांप्रदायिक नफरत फैलाने के लिए विवादित पोस्टर लगाने वाले तीन लोगों के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज किया है। नंदग्राम पुलिस ने एक आरोपी को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया लेकिन बाद में उसे रिहा कर दिया गया।
पुलिस ने मामला किया दर्ज
वहीं पुलिस ने दो मामलों में आईपीसी की धारा 147 (दंगा), 153ए (धर्म, नस्ल के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 295 (पूजा स्थल या किसी वस्तु को नुकसान पहुंचाना या अपवित्र करना), धर्म का अपमान करने के इरादे से पवित्र) और 298 (जानबूझकर धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से शब्द के तहत दर्ज किए गए थे) के तहत मामला दर्ज कर लिया है और पुलिस मामले की जांच पड़ताल में लगी है।
पुलिस ने कही ये बात
पुलिस ने अपने बयान में बताया कि रविवार को सांप्रदायिक नफरत फैलाने के इरादे से नंदग्राम थाना क्षेत्र में प्रमुख स्थानों पर पोस्टर लगाए गए थे, जिसमें मुस्लिम व्यापारियों के बहिष्कार का आह्वान किया गया था। सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद पुलिस ने मामले में तीन युवकों नितिन चौहान, ब्रह्मानंद पुजारी और शेखर पंडित की पहचान की और उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया।
जारी किए गए निर्देश
वहीं मुस्लिम महासभा के अध्यक्ष इमरान खान ने कहा कि हमारा संगठन पूरे देश में हिंदू-मुस्लिम भाईचारा बढ़ाने के लिए कार्यक्रम करेगा, जिसके लिए हमने अपने संगठन के राज्य प्रमुखों और अन्य पदाधिकारियों को दिशानिर्देश जारी किए हैं।उन्होंने आरोप लगाया कि सामान भाई से खरीदो, भाईजान से नहीं, नारे वाले इस तरह के पोस्टर दोनों धर्मों में नफरत फैलाकर सांप्रदायिक दंगा भड़काने का प्रयास है। उन्होंने कहा- दोनों धर्म आपस में घनिष्ठ रूप से जुड़े हुए हैं। मुस्लिम पंक्चर से लेकर मैकेनिक तक सेवाएं दे रहे हैं, सब्जियां, फल उगा रहे हैं और दूध की आपूर्ति कर रहे हैं।