Chandigarh, 05 फ़रवरी (The News Air): Punjab AAP Leaders Trial शुरू हो गया है। AAP विधायक और पूर्व मंत्री Anmol Gagan Maan (अनमोल गगन मान) समेत तीन नेताओं पर चार साल पुराने केस में आरोप तय किए गए हैं। यह मामला 4 अगस्त 2021 का है, जब आम आदमी पार्टी के नेताओं ने Chandigarh (चंडीगढ़) में BJP Office (भाजपा कार्यालय) का घेराव किया था। इस दौरान पुलिस से झड़प हुई थी, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।
इस मामले में AAP Chandigarh प्रभारी Dr. Sunny Ahluwalia (डॉ. सनी आहलूवालिया), Rajwinder Kaur Gill (राजविंदर कौर गिल) और Arshdeep Singh (अर्शदीप सिंह) भी आरोपी हैं। इन सभी पर IPC Sections 188, 323, 332 और 353 के तहत मुकदमा चलेगा।
क्या है पूरा मामला?
4 अगस्त 2021 को AAP नेताओं ने Chandigarh के सेक्टर-37 स्थित BJP कार्यालय को घेरने की कोशिश की थी।
Chandigarh Police (चंडीगढ़ पुलिस) ने उन्हें रोकने के लिए Sector-39 में बैरिकेडिंग कर दी।
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश की, लेकिन झड़प हो गई, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए।
इसके बाद पुलिस ने AAP नेताओं के खिलाफ FIR दर्ज की थी।
- चार साल बाद 5 फरवरी 2025 से कोर्ट में इस मामले की सुनवाई शुरू हो गई है।
अनमोल गगन मान: कौन हैं और क्यों चर्चा में हैं?
Anmol Gagan Maan (अनमोल गगन मान) आम आदमी पार्टी की प्रमुख महिला नेताओं में से एक हैं।
वह Arvind Kejriwal (अरविंद केजरीवाल) की करीबी मानी जाती हैं और AAP के प्रचार अभियान के लिए गाने भी गा चुकी हैं।
2022 Punjab Assembly Elections में जीत के बाद उन्हें मंत्री पद दिया गया था।
हालांकि, 2023 में हुए कैबिनेट फेरबदल में उनसे मंत्री पद छीन लिया गया था।
- अब इस केस के चलते उनका राजनीतिक भविष्य फिर से चर्चा में आ गया है।
AAP बनाम BJP – राजनीतिक विवाद बढ़ा
AAP समर्थकों का कहना है कि यह केस राजनीतिक बदले की भावना से किया गया है।
BJP नेताओं का आरोप है कि AAP ने कानून तोड़ा और पुलिसकर्मियों पर हमला किया।
- राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मामला आने वाले पंजाब चुनावों पर असर डाल सकता है।
अब आगे क्या होगा?
कोर्ट में 5 फरवरी से ट्रायल शुरू हो चुका है।
अगर आरोप साबित होते हैं, तो AAP नेताओं को सजा हो सकती है।
- इस केस का असर AAP के राजनीतिक भविष्य और पंजाब में उसकी छवि पर भी पड़ सकता है।
अब देखना होगा कि क्या AAP नेता खुद को निर्दोष साबित कर पाते हैं या यह मामला उन्हें चुनावों में भारी पड़ने वाला है?