बरेली। हिन्दू युवक-युवतियों का धर्म परिवर्तन कराने के साथ ही सामूहिक निकाह का आयोजन टाल दिया गया है।इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) की तरफ से बरेली में 21 जुलाई को इसका आयोजन प्रस्तावित था। आईएमसी ने आयोजन के लिए जिला प्रशासन से इजाजत भी मांगी थी। इसी के बाद बरेली से लेकर वृंदावन तक विरोध हो रहा था। आईएमसी के अनुसार जिला प्रशासन से कार्यक्रम की अनुमति नहीं मिलने के कारण इसे टाल दिया गया है।
प्रशासन की अनुमति के बगैर यह समारोह आयोजित नहीं किया जाएगा।
आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खान ने कहा कि हम कानून के दायरे में रहकर काम करते हैं। सामूहिक निकाह समारोह प्रशासन की अनुमति मिलने के बाद ही आयोजित किया जाएगा। हमने प्रशासन से इस बाबत अनुमति मांगी थी, लेकिन हमारी अर्जी ठुकरा दी गई। प्रशासन की अनुमति के बगैर यह समारोह आयोजित नहीं किया जाएगा।
सामूहिक निकाह और धर्मांतरण कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति मांगी थी।
आईएमसी के प्रदेश प्रभारी नदीम कुरैशी ने कहा कि जिला प्रशासन ने जोड़ों के धर्मांतरण और निकाह कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति नहीं दी। उन्होंने बताया कि ऐसे में कार्यक्रम को फिलहाल टाल दिया गया है। जिला मजिस्ट्रेट रविंद्र कुमार ने रविवार रात बताया कि आईएमसी ने नगर मजिस्ट्रेट से सामूहिक निकाह और धर्मांतरण कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति मांगी थी।
कुमार ने कहा कि इस बाबत अनुमति नहीं दी गई और आईएमसी ने अपना सामूहिक निकाह और धर्मांतरण कार्यक्रम स्थगित कर दिया है। प्रशासन को आईएमसी से कार्यक्रम को स्थगित किए जाने की सूचना वाला पत्र मिल गया है।
इससे पहले, आईएमसी प्रमुख ने कहा था कि इस्लाम कबूल करने वाले हिंदू युवक-युवतियों का निकाह कराया जाएगा और पहले चरण में पांच जोड़ों का निकाह होगा। इसमें युवक-युवतियां धर्म परिवर्तन की प्रक्रिया पूरी कर एक-दूसरे का दामन थामेंगे।
खान ने कहा था कि सामूहिक निकाह समारोह 21 जुलाई को पूर्वाह्न 11 बजे खलील उच्च माध्यमिक विद्यालय में आयोजित किया जाएगा। इस बाबत प्रशासन से अनुमति मांगी गई है। आईएमसी के प्रस्तावित कार्यक्रम को लेकर विवाद खड़ा हो गया था। हिंदू संगठनों ने मंगलवार को बरेली में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन कर खान की गिरफ्तारी की मांग की थी। प्रदर्शनकारियों ने अपनी मांगों को लेकर जिला मजिस्ट्रेट को ज्ञापन भी सौंपा था।