The News Air- उत्तर प्रदेश में एटा से टूंडला जा रही पैसेंजर ट्रेन को एक बुजुर्ग महिला ने अपनी सूझबूझ से बचा लिया। टूटी पटरी देख उन्होंने अपनी साड़ी का पल्लू लहराया। इसे देखकर पायलट (ड्राइवर) ने ट्रेन रोक ली। पटरी को ठीक किए जाने के बाद ट्रेन को फिर रवाना किया गया। घटना एटा जिले के अबागढ़ ब्लॉक में गुलरिया गांव के नजदीक की है।
खेत में काम करने के लिए जा रही एक बुजुर्ग महिला ओमवती की नजर अचानक टूटी हुई रेल पटरी पर पड़ी तो उन्होंने अपनी सूझबूझ से अपनी लाल रंग की साड़ी को लकड़ियों की मदद से ट्रैक पर खड़ा कर दिया और ट्रेन रुकवा दी, जिसकी वजह से बड़ा हादसा टल गया। ओमवती की इस सूझबूझ की सोशल मीडिया पर खूब तारीफ हो रही है।
कुसबा रेलवे स्टेशन के पास हुई घटना
असल में, गुरुवार सुबह 8 बजे के करीब एटा-जलेसर-टूंडला पैसेंजर ट्रेन एटा से चलकर टूंडला जा रही थी। कुसबा गांव में पटरी टूटी हुई थी। गुलारिया गांव की रहने वाली ओमवती उसी रास्ते से अपने खेत की ओर जा रही थीं। उनका ध्यान टूटी पटरी पर गया और देखा कि ट्रेन भी आने वाली है। अनहोनी को रोकने के लिए उन्होंने फौरन एक बड़ा फैसला लिया और अपनी लाल साड़ी से ट्रेन रुकवा दी।
पायलट ने ओमवती से जब कारण पूछा कि उन्होंने ट्रेन क्यों रुकवाई तो उन्होंने ले जाकर टूटी पटरी दिखाई। इसके बाद ट्रेन आधा घंटे तक रुकी रही और पटरी की मरम्मत के लिए रेलवे की टीम बुला ली गई। पटरी दुरुस्त होने के बाद ट्रेन रवाना की गई।
ओमवती बोलीं – मैंने वही किया जो मुझे सही लगा
साहसी महिला ओमवती का कहना था, ‘मुझे अच्छी तरह पता था कि लाल झंडी खतरे का निशान होती है और गांव में भी सुनते रहे हैं कि लाल झंडी दिखाने से खतरा भांपकर ट्रेन रुक जाती है। अच्छी बात यह थी कि मैं लाल साड़ी पहने हुए थी और मैंने वही किया जो मुझे सही लगा।’ सोशल मीडिया पर लोग रेल मंत्रालय से ओमवती को सम्मानित करने की मांग कर रहे हैं।
लाइनमैन दिसंबर सिंह छुट्टी पर था
रेलवे का लाइनमैन दिसंबर सिंह छुट्टी पर था, इस वजह से दूसरे लाइनमैन को बुलाया गया था, जो तत्काल ही मौके पर पहुंच गया। दरअसल, घटना स्थल से आधा किलोमीटर दूर रेलवे ट्रैक पर काम चल रहा था, इस वजह से टीम जल्दी पहुंच गई। वहीं महिला की सूझबूझ और उनके साहस की सराहना सोशल मीडिया से लेकर आस-पास के क्षेत्रों तक में हो रही है।