नई दिल्ली, 6 जुलाई (The News Air)
पंजाब कांग्रेस में जारी अंदरूनी कलह के बीच राज्य के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) मंगलवार को तीसरी बार दिल्ली पहुंच गए हैं। वह यहां पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) से मुलाक़ात करेंगे। अगर सूत्रों की माने तो इस बैठक में नवजोत सिंह सिद्धू को लेकर बड़ी विचार-चर्चा हो सकती है। नवजोत सिद्धू ने भी हाल ही में दिल्ली दरबार पहुंचकर राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) से लंबी मुलाक़ात की थी। क़यास लगाए जा रहे थे कि पार्टी राज्य में जारी आंतरिक विवाद को ख़त्म करने के लिए नवजोत सिद्धू को बड़ी ज़िम्मेदारी दी जा सकती है।
इससे पहले समाचार एजेंसी एएनआई ने बताया था, कि बैठक में पार्टी के अंदर चल रही कलह को ख़त्म करने के लिए नवजोत सिद्धू को बड़ी ज़िम्मेदारी देने के फार्मूले पर विचार-चर्चा होगी। नवजोत सिद्धू की गांधी भाई-बहन के साथ मुलाक़ात के बाद अटकलें लगाई जा रही थीं, कि उन्हें राज्य में प्रचार कमेटी का प्रभारी बनाया जा सकता है या चयन समिति में शामिल किया जा सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक़ मौजूदा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख सुनील जाखड़ को भी बदला जा सकता है।
ऐसे समझिए विवाद को- वर्ष 2019 में नवजोत सिद्धू के कैबिनेट छोड़ने के उपरांत से ही दोनों नेताओं के बीच तनातनी जारी है। बीती मई माह में नवजोत सिद्धू ने सीएम कैप्टन को ‘झूठा’ कहा था। साथ ही उन पर क़र्ज़ माफ़ी जैसे मुद्दों पर कुछ न करने का दोश भी लगाया था। इसके बाद यह तनाव तब और बढ़ गया, जब सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दो विधायकों- फ़तेह ज़ंग सिंह बाजवा और राकेश पांडेय के बेटों को सरकारी नौकरी देने की घोषणा कर दी।
पंजाब में अगले वर्ष विधान सभा चुनाव होने जा रहे हैं। ऐसे में पार्टी इस मुश्किल से उबरने की कोशिश में है। जानकारों का कहना है कि प्रदेश स्तर पर पार्टी में जारी कलह का असर चुनावों पर हो सकता है। कांग्रेस ने इसे सुलझाने के लिए तीन सदस्यीय समिति भी तैयार की थी। इस समिति में हरीश रावत, मल्लिकार्जुन खड़गे और जेपी अग्रवाल शामिल थे।