ओटावाः कैनेडियन इंटरएजेंसी फॉरेस्ट फायर सेंटर (सीआईएफएफसी) के अनुसार, कनाडा के जंगलों में एक हजार से अधिक स्थानों पर अब भी आग लगी है। इनमें से 600 से अधिक नियंत्रण से बाहर हैं और तेजी से बढ़ रही हैं। इससे एक लाख वर्ग किमी से अधिक भूमि जल रही है। एक समाचार एजेंसी ने सीआईएफएफसी के हवाले से कहा, जला हुआ क्षेत्र आइसलैंड या दक्षिण कोरिया के आकार के बराबर है। यह 1989 में आग की चपेट में आए लगभग 76,000 वर्ग किमी के से अधिक है।
स्थानीय मीडिया के अनुसार, पिछले चार दशकों की तुलना में इस साल अधिक कनाडाई लोगों को उनके घरों से निकाला गया है, आग और धुएं के कारण 1 लाख 55 हजार से अधिक लोगों को घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा है। कनाडा में अब 5,500 घरेलू और लगभग 3,300 अंतर्राष्ट्रीय अग्निशामक आग बुझाने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।
इस भीषण प्राकृतिक आपदा के खिलाफ लड़ाई में अब तक दो अग्निशमनकर्मी और एक पायलट की जान जा चुकी है। इस बीच, अभूतपूर्व आग से होने वाले कार्बन डाइऑक्साइड उत्सजर्न ने वैज्ञानिकों और जनता के बीच चिंता बढ़ा दी है, क्योंकि इससे जलवायु परिवर्तन को कम करने के अंतरराष्ट्रीय प्रयासों में बाधा उत्पन्न हो रही है।
इंस्टीटय़ूट ऑफ एप्लाइड इकोलॉजी, चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज के शोधकर्ता लियू ङिाहुआ के नेतृत्व में चीनी वैज्ञानिकों के एक अध्ययन के अनुसार, कनाडा में जंगल की भीषण आग से ग्रीनहाउस गैस उत्सजर्न एक अरब मीट्रिक टन कार्बन डाइऑक्साइड समकक्ष (सीओ2ई) से अधिक हो गया है। मीथेन और नाइट्रस ऑक्साइड उत्सजर्न लगभग 110 मिलियन मीट्रिक टन सीओ2 समतुल्य है, और कुल ग्रीनहाउस गैस उत्सजर्न लगभग 1.11 बिलियन मीट्रिक टन सीओ2 समतुल्य है।
इसी तरह का अनुमान नेचुरल रिसोर्सेज कनाडा के एक वरिष्ठ शोध वैज्ञानिक वर्नर कुजऱ् ने लगाया है। कुजर ने कहा, 18 जुलाई तक, एक प्रारंभिक अनुमान से पता चलता है कि कनाडा के प्रबंधित और अप्रबंधित जंगलों में अब तक आग से लगभग 1.42 बिलियन मीट्रिक टन सीओ2 का उत्सजर्न हुआ है। यह देश की अर्थव्यवस्था के अन्य सभी क्षेत्रों के संयुक्त उत्सजर्न का कम से कम दोगुना है, जो 2021 में कुल 670 मिलियन मीट्रिक टन सीओ2 के बराबर था। कुजऱ् ने कहा कि आने वाले वर्षों में जब झुलसे पेड़ों के मृत अवशेष विघटित होंगे, तो लगभग इतनी ही मात्र में अप्रत्यक्ष कार्बन उत्सजर्न जारी होगा।
गौरतलब है कि कार्बन उत्सजर्न न केवल ग्लोबल वार्मिग को बढ़ाता है, बल्कि ऐसी स्थितियां पैदा करके एक खतरनाक फीडबैक लूप भी बनाता है, जहां जंगलों के जलने की अधिक संभावना होती है, इससे पृथ्वी की कार्बन सिंक क्षमताएं और कम हो जाती हैं। जंगल की आग जैसी वैश्विक चुनौती के लिए सभी हितधारकों के बीच वैश्विक सहयोग की आवश्यकता है।
संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम ने रैपिड रिस्पांस असेसमेंट पर अपनी 2022 की रिपोर्ट में जंगल की आग से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय सहयोग का आह्नन किया। लियू ने कहा, जंगल की आग के संबंध में, ईंधन उपचार और बेहतर वन प्रबंधन जैसी रणनीतियों का उपयोग आग की तीव्रता को सीमित करने और बाद में सीओ2 उत्सजर्न को कम करने के लिए किया जा सकता है। ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय में पारिस्थितिकी के प्रोफेसर करेन होजेस ने कहा, आग के बाद बहाली को भी प्रोत्साहित किया जाता है क्योंकि पौधों के शरीर कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करने में सक्षम होते हैं और वायुमंडल से कुछ सीओ2 को हटाने में मदद करेंगे। लियू की बात दोहराते हुए, होजेस ने कहा कि सरकारों को ‘जलवायु परिवर्तन और जीवाश्म ईंधन उत्सजर्न को कम करने वाली नीतियों के बारे में अधिक गंभीर होना चाहिए, और हमें विश्व स्तर पर ऐसा करने की ज़रूरत है।‘