नायका, जोमैटो और पेटीएम का वैल्यूएशन सही लेवल पर, जानिए क्या अब निवेश का मौका है!

निपॉन इंडिया म्यूचुअल फंड (Nippon India Mutual Fund) के चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर शैलेश राज भान (Sailesh Raj Bhan) का मानना है कि कुछ नए जमाने की टेक कंपनियों के विनर बनकर उभरने के पूरी संभावनाएं नजर आ रही हैं। इस समय इनके वैल्यूएशन काफी अच्छे हो गए हैं। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने आगे कहा कि ये स्टॉक अपने लिस्टिंग के बाद से 50 से 60 फीसदी तक टूट चुके हैं। हालांकि इनके वैल्यूएशन अभी भी सस्ते नहीं है लेकिन ये ठीक-ठाक नजर आ रहे हैं। बताते चले कि नए जमाने की टेक कंपनियां निवेशकों के मुनाफे से जुड़ी उम्मीद के मोर्चे पर असफल रहने के कारण पिछले 1 साल से भारी दबाव में हैं।

एफएमसीजी सेक्टर पर अंडरवेट

एफएमसीजी सेक्टर पर बात करते हुए शैलेश राज भान ने कहा कि इस सेक्टर की कंपनियों के वैल्यूएशन इस समय काफी हाई नजर आ रहे हैं। ऐसे में वे वर्तमान में एफएमसीजी सेक्टर को लेकर अंडरवेट हैं।

नए जमाने की टेक कंपनियों पर बुलिश होने की ये है वजह

जब उनसे पूछा गया कि आप इस समय घाटे में चल रही कंपनियों को लेकर बुलिश हैं लेकिन लगातार अच्छी कमाई करके देनी वाली कंज्यूमर स्टेपल्स कंपनियों पर बियरिश नजरिया रखते हैं, ऐसा क्यों? तब उन्होंने कहा कि एफएमसीजी कंपनियों द्वारा पिछले कुछ सालों में दिखाई गई ग्रोथ और उनके वैल्यूएशन में काफी अंतर रहा है। दूसरे शब्दों में कहें तो इनकी ग्रोथ की तुलना में इनका वैल्यूएशन ज्यादा तेजी से बढ़ा है। ऐसे में ये कंपनियां महंगी नजर आ रही हैं। वहीं अधिकांश नए जमाने की टेक कंपनियां सीमित कॉम्पिटशन के माहौल में कारोबार कर रही है। ऐसे में इस बात की ज्यादा संभावना है कि वे आगे ग्रोथ के मोर्चे पर एफएमसीजी कंपनियों को पीछे छोड़ सकती हैं।

Prime Database के आंकड़ों के मुताबिक निपॉन इंडिया म्यूचुअल फंड Nykaa, Zomato और Paytm में एक्सपोजर रखती है। हालांकि इनमें उसका निवेश 1 फीसदी से कम है।

फार्मा सेक्टर पर भी बुलिश

इसके अलावा शैलेश राज भान फार्मा सेक्टर पर बुलिश हैं। उनका मानना है कि अगले 12 महीनों में इस सेक्टर की अर्निंग में अच्छी ग्रोथ देखने को मिलेगी। कोविड काल के 2 साल की जोरदार तेजी के बाद इस समय फार्मा स्टॉक निचले स्तर पर नजर आ रहे हैं। पिछले 1 साल में निफ्टी फार्मा इंडेक्स में 9 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। उन्होंने इस बातचीत में आगे कहा कि भारत क्रॉनिक बीमरियों के नजरिए से एक टाइमबम की तरह है। देश में वृद्ध लोगों की आबादी 30 करोड़ के आसपास है। 50 साल के ऊपर के आयु के लोग युवा लोगों की तुलना में 2-3 गुना ज्यादा दवाओं पर निर्भर होते हैं। भारत में मोटापा और डायबिटीज जैसे बीमारियां काफी तेजी से बढ़ रही हैं। ऐसे में अगले 10-20 साल में फार्मा सेक्टर काफी तेजी से ग्रोथ करता नजर आ सकता है।

इन सेक्टर्स पर भी है नजर

इसके अलावा शैलेश राज भान को मजबूत बैलेंस शीट के चलते फाइनेंशियल जैसे सिक्लिकल सेक्टर और मजबूत ऑर्डर बुक के चलते इंजीनियरिंग और इंडस्ट्रियल सेक्टर से जुड़ी कंपनियां भी अच्छी दिख रही हैं।

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