Saleem Malik Match Fixing: क्रिकेट में मैच फिक्सिंग का इतिहास काफी पुराना है. लेकिन ऐसे मामले सामान्य फैंस तक जल्दी पहुंच नहीं पाते थे. मैच फिक्सिंग का पहला सबसे बड़ा मामला तब सामने आया जब पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने बेहतरीन क्रिकेटर सलीम मलिक पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया. सलीम मलिक मैच फिक्सिंग में दोषी पाए जाने के बाद आजीवन प्रतिबंधित होने वाले पहले क्रिकेटर हैं. उन्होंने पैसों के लालच में टीम की इज्जत दांव पर लगा दी थी.
दरअसल सितंबर 1994 में ऑस्ट्रेलियाई टीम तीन मैचों की टेस्ट सीरीज खेलने पाकिस्तान गई थी. इस सीरीज के बाद आम लोगों को पहली बार बड़े स्तर पर मैच फिक्सिंग की जानकारी हुई थी. इस सीरीज के खत्म होने के बाद ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी शेन वॉर्न ने हैरान कर देने वाला खुलासा किया.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वॉर्न ने बताया कि पाकिस्तान के खिलाड़ी सलीम मलिक उनके होटल रूम में आए थे और कहा था कि अगर वे पाकिस्तान में सीरीज हार जाएंगे तो उनके घर जला दिए जाएंगे. इसलिए आप 2,76000 डॉलर (करीब 2 करोड़ रुपए) ले लो और मैच हार जाओ. यह बात ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी वॉर्न ने अपने कप्तान और मैच रैफरी को बता दी थी. वॉर्न ने इस बात का जिक्र अपनी डॉक्यूमेंट्री में भी किया है.
इस मसले के बाद पाकिस्तान के जस्टिस फखरुद्दीन और जस्टिस मलिक मोहम्मद कय्यूम ने जांच के लिए कमेटी बनाई. मैच फिक्सिंग की गंभीरता से जांच की गई. इस जांच में दो लोगों के नाम सामने आए थे. सलिम मलिक के साथ वसीम अकरम को लेकर भी चर्चा हुई. जांच के बाद सलीम मलिक पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया. लेकिन अकरम के खिलाफकोई भी एक्शन नहीं लिया गया. उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं मिले थे. हालांकि 2008 में पाकिस्तान की एक लोकल कोर्ट ने मलिक पर से बैन हटा दिया था.