नई दिल्ली, 30 जुलाई (The News Air)
Tata ग्रुप 5G की दुनिया में क्रांति मचाने की पूरी तैयारी कर रहा है. रिलायंस जियो पहले ही 5जी को लेकर अपने मेगा प्लान का ऐलान कर चुका है. इस रेस में अब टाटा ग्रुप भी शामिल हो गया है. Tata Sons ने टेलिकॉम इक्विपमेंट मेकर Tejas Network में कंट्रोलिंग हिस्सेदारी ख़रीदने का ऐलान किया है। इस डील के कारण टाटा ग्रुप की एंट्री 5जी में होगी और वह Nokia, Ericsson और Huawei जैसी कंपनियों को टक्कर दे पाएगी. वहीं मुकेश अंबानी की भी 5जी को लेकर बड़ी योजना है
रिलायंस की 44वीं एनुअल जनरल मीटिंग में मुकेश अंबानी ने कहा था कि वे जियो की मदद से भारत को 2जी मुक्त और 5जी युक्त करेंगे. उन्होंने भरोसा दिया कि देश में 5जी की शुरुआत रिलायंस जियो (Reliance Jio) ही करेगी. रिलायंस जियो ने अत्याधुनिक स्टैंडअलोन 5G तकनीक को विकसित करने में ज़बरदस्त बढ़त हासिल की है, जो वायरलेस ब्रॉडबैंड के लिए बड़ी छलांग है. मुकेश अंबानी ने बताया कि 5जी परीक्षणों के दौरान जियो ने सफलतापूर्वक 1 GBPS से अधिक की स्पीड पाई है. जियो के ‘मेड इन इंडिया’ सॉल्यूशन को मुकेश अंबानी ने विश्व स्तर का बताया है. जियो मुंबई व दिल्ली समेत विभिन्न शहरों में 5जी तकनीक का परीक्षण कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि जब जियो का 5G भारत में सफल हो जाएगा तो उसे दुनिया के विभन्न देशों में निर्यात भी किया जाएगा। इस तरह भारत 5G विकास और निर्यात का एक वैश्विक केंद्र बन जाएगा।
43.35 फीसदी हिस्सेदारी ख़रीदेगी- टाटा संस और तेजस नेटवर्क डील को लेकर इकोनॉमिक टाइम्स में छपी रिपोर्ट के मुताबिक़, टाटा संस की इकाई Panatone Finvest Ltd प्रिफरेंशियल इश्यू की मदद से तेजस नेटवर्क में 43.35 फीसदी हिस्सेदारी ख़रीदेगी. इस डील को लेकर तेजस नेटवर्क ने अपने बयान में कहा कि उसने टाटा संस (टाटा समूह की होल्डिंग फर्म) की सहायक कंपनी पैनाटोन फिनवेस्ट के साथ बाध्यकारी समझौता किया है. इस समझौते के तहत कंपनी पैनाटोन को तरजीह आधार पर 258 रुपए प्रति शेयर की दर से 1.94 करोड़ इक्विटी शेयर जारी करेगी, जो कुल 500 करोड़ रुपए के होंगे.
तरजीह आवंटन के ज़रिए ख़रीदारी
कंपनी ने बताया कि इसके बाद 3.68 करोड़ वारंटों का एक और तरजीह आवंटन होगा, जिनमें से प्रत्येक को 258 रुपए प्रति इक्विटी शेयर की दर से एक शेयर में बदला जा सकता है, जिसकी कुल राशि 950 करोड़ रुपए होगी. बयान में कहा गया है कि पैनाटोन द्वारा वारंट जारी होने की तारिख से 11 महीने के भीतर एक या कई चरणों में इस विकल्प का इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके अलावा 1.55 करोड़ वारंटों का तरजीह आवंटन भी किया जाएगा, जिनमें से प्रत्येक को 258 रुपए प्रति इक्विटी शेयर की दर से शेयर में बदला जा सकता है, जिसकी कुल राशि 400 करोड़ रुपए होगी. वारंट को जारी करने की तारिख से 18 महीनों के भीतर इस विकल्प का इस्तेमाल किया जा सकता है.
तेजस नेटवर्क में 72 फीसदी तक पहुंच जाएगी टाटा संस की भागेदारी
बयान में यह कहा गया है कि पैनाटोन प्रबंधन में कुछ कर्मियों से तेजस नेटवर्क के 13 लाख इक्विटी शेयरों का अधिग्रहण करेगा, जिसकी दर 258 रुपए प्रति इक्विटी शेयर से ज्यादा नहीं होगी और इसकी कुल राशि 34 करोड़ रुपए है. इसके उपरांत पैनाटोन और टाटा समूह की अन्य कुछ कंपनियां सेबी के अधिग्रहण नियमों के मुताबिक तेजस नेटवर्क के 4.03 करोड़ इक्विटी शेयरों के अधिग्रहण के लिए एक खुली पेशकश करेंगी. कुछ वर्षों बाद जब यह डील पूरी होगी तो तेजस नेटवर्क में टाटा संस की भागेदारी बढ़कर 72 फीसदी तक पहुंच जाएगी।
TCS और Airtel ने स्वदेशी 5जी तकनीक को लेकर मिलाया हाथ
टाटा ग्रुप की तैयारी 5जी की दुनिया में क्रांति लाने की है. सॉफ्टवेयर कैपेबिलिटी का बात करें तो TCS की मदद से इसका यह काम हो जाएगा, जबकि तेजस नेटवर्क की मदद से हार्डवेयर सपोर्ट मिलेगा. पिछले महीने की बात है जब Bharti Airtel और टाटा ग्रुप की कंपनी TCS ने मिलकर भारत में 5जी नेटवर्किंग के लिए स्ट्रैटिजिटक पार्टनरशिप का ऐलान किया था. दोनों कंपनी मिलकर स्वदेशी 5जी तकनीक पर काम कर रही है. एयरटेल जनवरी 2022 तक 5जी के लिए पायलट प्रोजेक्ट पर अपना कार्य शुरू करने की तैयारी में है.
PLI स्कीम को लेकर आवेदन
टाटा ग्रुप भारत में 5जी को लेकर पूरी तैयारी में है. वह एंटरप्राइज सेगमेंट में अपने लिए मौक़ा नहीं चूकना चाहती है. इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक़ तेजस और टाटा संस की तरफ़ से PLI स्कीम के तहत इंसेंटिव को लेकर भी आवेदन डाला गया है. तेजस की स्थापना का मक़सद ही था कि वह टेलिकॉम कंपनियों को इक्विपमेंट्स की सप्लाई करे.