नई दिल्ली, 30 जुलाई (The News Air)
कोरोना वायरस को मात देने के लिए इस समय दुनिया भर में नई-नई रिसर्च चल रही हैं. भारत समेत कई देशों ने कोरोना वायरस वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) का निर्माण कर लिया है और सभी देशों में वैक्सीनेशन (Vaccination in India) प्रोग्राम तेज़ी से चल रहा है. इस बीच अब वैज्ञानिक यह तलाशने की कोशिश में जुटे हुए हैं कि क्या वैक्सीन की अलग-अलग डोज़ (Vaccination Mixing) लगने से शरीर में प्रतिरोधक क्षमता अधिक हो जाती है. इस संबंध में वैज्ञानिक दो अलग-अलग वैक्सीन के मिश्रण और उसके परिणामों पर अध्ययन में जुटे हुए हैं. लोगों में भी इस बात को लेकर उत्सुकता है कि क्या सच में वैक्सीन की अलग-अलग डोज़ ज़्यादा प्रभावी है.
शुक्रवार को रशियन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट फ़ंड यानी आरडीआईएफ ने कहा कि कुछ वॉलंटियर्स पर वैक्सीन की मिक्स डोज़ का टेस्ट किया गया जिसमें किसी भी तरह का कोई दुष्परिणाम नहीं दिखा. RDIF की तरफ़ से कहा गया कि एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की पहली ख़ुराक को रूस की स्पूतनिक वी की पहली ख़ुराक के साथ मिलाकर दिया गया. वैक्सीन लगने के बाद किसी भी तरह के कोई गंभीर परिणाम सामने नहीं आए.
अज़रबैजान में शुरू हुआ था ट्रायल-जानकारी के अनुसार यह ट्रायल इस साल फरवरी माह में अज़रबैजान में शुरू किया गया था. स्पूतनिक वी की मार्केटिंग करने वाली कंपनी आरडीआईएफ ने कहा कि इस वैक्सीनेशन मिक्सिंग ट्रायल के लिए कुल 50 लोगों को शामिल किया गया था. रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष द्वारा कहा गया कि किसी भी वॉलंटियर पर वैक्सीन के कारण न तो कोई साइड इफेक्ट दिखा और न ही किसी में किसी तरह की कोई इंफेक्शन की समस्या आई. वैक्सीन मिश्रण के रिजल्ट पूरी तरह से सेफ़ हैं. हालांकि कंपनी द्वारा यह भी साफ़ किया गया कि अभी यह शुरुआती परिणाम हैं इसके रिसर्च के पूर्ण रूप से सकारात्मक परिणाम अगस्त तक आने की उम्मीद है.
67 से ज़्यादा देशों में स्पूतनिक वी को मंजूरी- बता दें कि रूस की वैक्सीन स्पूतनिक वी को दुनियाभर में क़रीब 67 देशों में वैक्सीनेशन के लिए मंजूरी मिल चुकी है. इन देशों की कुल आबादी 3.5 बिलियन से अधिक है. अर्जेंटीना, सर्बिया, बहरीन, हंगरी, मेक्सिको, सैन मैरिनो, संयुक्त अरब अमीरात और अन्य सहित कई देशों में टीकाकरण से संबंधित डेटा से यह साबित हो चुका है कि स्पूतनिक वी सुरक्षित और कोरोना के ख़िलाफ़ प्रभावी टीकों में से एक है.