लोकसभा (Lok Sabha) में विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव (No Confidence Motion) पर चर्चा के बीच, भारतीय जनता पार्टी (BJP) के संसद निशिकांत दुबे (Nishikant Dubey) ने कांग्रेस (Congress) की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) पर निशाना साधा। साथ ही उन्होंने सोनिया गांधी पर आरोप लगाया कि मोदी सरकार के खिलाफ लाए गए इस अविश्वास प्रस्ताव के दो अहम कारण हैं, पहला बेटे को सेट करना है और दूसरा दामाद को भेंट करना है।
प्रस्ताव पर चर्चा के बीच दुबे ने कहा, “ये अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है। ये क्यों लाया गया है? सोनिया जी यहां बैठी हैं। मुझे लगता है कि उन्हें दो काम करने होंगे- बेटे को सेट करना है और दामाद को भेंट देना है। यही इस प्रस्ताव का आधार है।”
इस बीच उन्होंने सावरकर वाले मुद्दे को लेकर राहुल गांधी को भी निशाने पर लिया। दुबे ने कहा, “कांग्रेस के नेता ने कहा ‘मैं सावरकर नहीं हूं’…तो बता दें कि आप सावरकर हो भी नहीं सकते।”
BJP सांसद ने सुप्रीम कोर्ट की तरफ से ‘मोदी’ सरनेम टिप्पणी मामले में राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाने का मुद्दा उठाया, जिसके बाद उनकी सदस्यता बहाल की गई।
उन्होंने कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने कोई फैसला नहीं दिया है, स्थगन आदेश दिया है…वे कह रहे हैं कि वे माफी नहीं मांगेंगे…दूसरी बात, वे कहते हैं ‘मैं सावरकर नहीं हूं’- आप कभी सावरकर नहीं हो सकते।”
अविश्वास प्रस्ताव पर बीजेपी का नेतृत्व कर रहे निशिकांत दुबे
नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली NDA सरकार इस समय लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव का सामना कर रही है। I.N.D.I.A गठबंधन के विपक्षी दलों की तरफ से अविश्वास प्रस्ताव लाया गया, जिसे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने स्वीकार कर लिया था। बीजेपी की ओर से निशिकांत दुबे ने बहस की शुरुआत की।
सूत्रों की मानें तो प्रस्ताव पर चर्चा के लिए 12 घंटे का समय तय किया गया है। सत्ताधारी पार्टी BJP को अपना पक्ष रखने के लिए, इसमें से करीब सात घंटे का समय मिलेगा और कांग्रेस को करीब डेढ़ घंटे का समय अलॉट हुआ है।
इसके अलावा YSRCP, शिवसेना, JDU, BJD, BSP, BRS और LJP को कुल 2 घंटे का समय दिया गया है, जबिक बाकी दलों और निर्दलीय सांसदों के लिए 1 घंटा 10 मिनट की समय सीमा तय की गई है। सदन में पार्टी के सांसदों की संख्या के हिसाब से समय बांटा गया है।
BJP के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा में 8 और 9 अगस्त को बहस होने की संभावना है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 अगस्त को जवाब दे सकते हैं।
20 जुलाई को संसद के मानसून सत्र की शुरुआत से ही विपक्षी सदस्य राज्यसभा में नियम 267 के तहत चर्चा की मांग कर रहे हैं।