नई दिल्ली,23 अप्रैल (The News Air): संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने पूरे भारत के किसानों से अपील की है कि वे फिलिस्तीन के किसानों के समर्थन में एकजुटता दिखाएं, जो इजरायली कब्जे वाली सेना के समर्थन से उनके गांवों में जबरन बसाए गए गिरोहों द्वारा लगातार आतंकवादी हमलों का सामना कर रहे हैं। गाजा में जारी जनसंहारक युद्ध के साथ-साथ इजरायली सेना और गैंगस्टर, विशेष रूप से वेस्ट बैंक के गांवों के आवासीय क्षेत्रों और किसानों को निशाना बना रहे हैं और उनकी हत्या कर रहे हैं, उनके घरों और खेतों को जला रहे हैं और उनकी संपत्ति को जानबूझकर नष्ट कर रहे हैं। ये सब हमले फिलिस्तीनी किसानों को विस्थापित करने के इजरायल के निरंतर प्रयासों के तहत हो रहे हैं। इन हमलों में सैकड़ों किसानों की जान चली गई और हजारों गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।
फ़िलिस्तीनी किसान यूनियनों ने फ़िलिस्तीनी किसानों के लिए तत्काल अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा का पालन करने का आह्वान किया है। एसकेएम भारत के सभी किसानों से अपील करता है कि वे फिलिस्तीनी किसानों के प्रति एकजुटता दिखाएं और भारत के राष्ट्रपति को पत्र लिखकर आग्रह करें कि भारत सरकार को इस जनसंहार को समाप्त करने, तत्काल युद्धविराम करने और ज़ायोनीवादी इज़राइल की सेना और उपनिवेशवादी गिरोहों द्वारा फिलिस्तीनियों, विशेषकर बच्चों और महिलाओं के नरसंहार को समाप्त करने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) के अनुसार, 7 अक्टूबर, 2023 से घिरे गाजा पट्टी में मारे गए बच्चों की संख्या 14000 से अधिक हो गई है। यूनिसेफ ने पूरी दुनिया से युद्धविराम के लिए काम करने का अनुरोध किया है। इजराइल का हमला ‘बच्चों के खिलाफ युद्ध’ बन गया है और गाजा दस लाख से अधिक बच्चों का घर है। गाजा में हर दिन हर दस मिनट में एक बच्चा मारा जा रहा है या गंभीर रूप से घायल हो रहा है। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 7 अक्टूबर 2023 से अब तक गाजा में इजरायल के चल रहे जनसंहार में 34012 फिलिस्तीनी मारे गए हैं और 76833 घायल हुए हैं। इसके अलावा, पूरे गाजा पट्टी में अपने घरों के मलबे के नीचे कम-से-कम 7000 लोग दब गए हैं, जिन्हें लापता और मृत मान लिया गया है। लगभग 20 लाख लोगों का विस्थापन हुआ है — 1948 के नकबा के बाद यह सबसे बड़ा सामूहिक पलायन है।
इजराइल द्वारा मारे गए या घायल हुए लोगों में अधिकतर महिलाएं और बच्चे हैं। युद्ध के परिणामस्वरूप उत्तरी गाजा में भयंकर अकाल पड़ गया है, जिसके परिणामस्वरूप कई लोगों की मृत्यु हो गई है और इनमें अधिकतर बच्चे हैं। पिछले छह महीनों में इस संघर्ष में आधुनिक युग के किसी भी युद्ध की तुलना में अधिक नागरिक मारे गए हैं और दुनिया के इतिहास में किसी भी युद्ध में इतने मासूम बच्चे नहीं मरे हैं। बच्चों की हत्या और अपंगता को रोकने के लिए अब संघर्ष विराम ही एकमात्र रास्ता है।
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय से बच्चों और महिलाओं के खिलाफ की गई भयानक क्रूरता के लिए इजरायली प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर युद्ध अपराधी के रूप में मुकदमा चलाने की मांग की है।
नफरत की राजनीति पर आधारित ज़ायोनी हठधर्मिता ही इस चल रहे जनसंहार का मूल कारण है। एडोल्फ हिटलर के नेतृत्व वाले नाजी जर्मनी के तहत यहूदी लोगों को इतिहास के सबसे खराब जनसंहार का शिकार होना पड़ा था। यहूदी लोगों से बना आधुनिक इज़राइल राज्य आज फिलिस्तीनियों के खिलाफ सबसे अमानवीय और क्रूर जनसंहार कर रहा है, यह एक विरोधाभास है।
एसकेएम की मांग है कि भारत को विश्व शांति के पक्ष में और संयुक्त राज्य अमेरिका के नेतृत्व वाली साम्राज्यवादी ताकत, जो इजरायल के साथ खड़ी है और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में युद्धविराम की मांग करने वाले प्रस्तावों के खिलाफ वीटो कर रही हैं, के खिलाफ विश्व जनमत को जुटाने में अपनी पारंपरिक और सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए। इसके लिए भारत को अमेरिका-इजराइल गठजोड़ के चंगुल से बाहर निकलना होगा और विकासशील देशों की आवाज के रूप में अपनी स्थिति फिर से हासिल करनी होगी।