चंडीगढ़, 12 जुलाई (The News Air)
5 माह से दुष्कर्म के आरोपों का सामना कर रहे विधायक सिमरजीत सिंह बैंस आख़िरकार इस मामले में फंस ही गए। लुधियाना की डिवीजन नंबर 6 पुलिस ने पीड़िता की शिकायत के आधार पर सिमरजीत सिंह बैंस, उनके भाई कर्मजीत सिंह, बलजिंदर कौर, सुखचैन सिंह, परमजीत सिंह पम्मा व विधायक के पीए गोपी शर्मा के ख़िलाफ़ आईपीसी की धारा 376, 354, 354 ए, 506 और 120 बी के तहत मामला दर्ज़ कर लिया है। बता दें कि पुलिस ने यह मामला स्थानीय अदालत की तरफ से जारी आदेशों के बाद दर्ज़ किया है। उधर सोमवार को शिरोमणि अकाली दल के कार्यकर्ताओं ने पुलिस कमिश्नर दफ्तर के बाहर फिरोजपुर रोड पर चक्का जाम कर बैंस के ख़िलाफ़ नारेबाज़ी की।
महानगर निवासी एक महिला ने पुलिस को दी शिकायत में जानकारी देते बताया था कि जनवरी 2018 में उसने 75 गज़ में बना एक घर 18 लाख रुपये में ख़रीदा था। 11 लाख रुपये पीड़िता ने दे दिए थे, जबकि 10 लाख रुपये का लोन एक बैंक से लिया था। 1 फरवरी को पीड़िता के पति की मौत हो गई थी। इसलिए वह बैंक की किश्तें अदा करने में असमर्थ हो गई थी।
इसके उपरांत बैंक ने उसे तंग परेशान करना शुरू कर दिया था। अगस्त 2019 में बैंक ने संपत्ति क़ुर्क़ करने का नोटिस जारी कर दिया था। इस मुद्दे को लेकर वह विधायक बैंस के पास गई थी। पीड़िता के अनुसार विधायक ने उसे जसवीर कौर के घर 29 सिंतबर 2020 को बुलाया गया। यहां पर उससे दुष्कर्म किया गया। 1 अक्तूबर 2020 को उसे दोबारा जसवीर कौर के घर पर बुलाया गया। उस समय जसवीर कौर घर पर नहीं थी, उसका 26 वर्षीय बेटा घर पर था। विधायक ने उसके साथ दुष्कर्म किया।
पीड़िता के अनुसार 4 अगस्त 2020 से लेकर 1 अक्तूबर 2020 तक विधायक बैंस ने उसके साथ 10-12 बार दुष्कर्म किया। इसके बाद पीड़िता ने अपनी शिकायत पुलिस को दी थी। इसके बाद यह मामला लगातार जांच के नाम पर लटक रहा था। अब पीड़िता ने अपने वकील के माध्यम से एडिशनल चीफ़ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट हरसिमरत सिंह की अदालत में 156 (33) सी.आर.पी.सी. के तहत याचिका दायर की थी। 7 जुलाई 2021 को अदालत ने याचिका पर सुनवाई करते पुलिस को तुरंत आरोपियों पर मामला दर्ज़ करने के आदेश दिए थे। इसकी रिपोर्ट 15 जुलाई से पहले अदालत में पेश करने के लिए कहा गया था।
इससे पहले बैंस ने पीड़ित महिला की शिकायत पर एडिशनल चीफ़ जुडीशियल मजिस्ट्रेट की अदालत द्वारा मामला दर्ज़ करने के आदेश को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। याचिका में बैंस ने बताया था कि पीड़िता ने उनके व उनके साथियों के ख़िलाफ़ याचिका दाखिल की थी, जिसे अदालत ने मंज़ूर करते हुए उनके ख़िलाफ़ एफ.आई.आर. का आदेश जारी करते हुए स्टेटस रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया था। उधर लोक इंसाफ़ पार्टी के प्रधान सिमरजीत सिंह बैंस अपने ऊपर दर्ज़ मामले के सम्बन्ध में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट पहुंचे, बैंक की तरफ से हाई कोर्ट में लुधियाना के एडीशनल चीफ़ जुडीशियल मैजिस्ट्रेट हरसिमरन जीत सिंह की अदालत की तरफ से दिए गए आदेशों को चुनौती देने सम्बन्धित डाली गई पटिशन पर सोमवार को सुनवाई शुरू करते हाईकोर्ट ने इस मामले में पंजाब सरकार को 15 जुलाई तक के लिए नोटिस जारी करके जवाब मांगा है परन्तु इस मामले में बैस या दूसरे की गिरफ़्तारी सम्बन्धित कोई स्टे जारी नहीं किया।
इस का मतलब यह होगा कि एफ.आई.आर. दर्ज़ हो जाए और कोई स्टे न मिलने के कारण बैस और उनके मामले में नामज़द साथियों को किसी भी समय पर गिरफ़्तार किया जा सकता है।