नई दिल्ली, 19 सितंबर (The News Air) आम आदमी पार्टी ने यूईआर-2 को लेकर आगामी 21 सितंबर को होने वाले किसानों और ग्रामीणों के आंदोलन को अपना समर्थन दिया है। शुक्रवार को ‘‘आप’’ के वरिष्ठ नेता संजीव झा ने यूईआर-2 पर मुंडका के पास स्थित टोल प्लाजा का दौरा कर कहा कि यूईआर-2 पर टोल लगाना दिल्ली की जनता पर अन्याय है। प्रधानमंत्री ने जिस यूईआर-2 का उद्घाटन किया था, उसी पर दिल्ली के अंदर ही 350 रुपए का टोल लगा दिया गया। जबकि नेशनल हाइवे फ्री (दरों का निर्धारण और कलेक्शन) नियम कहता है कि नगर निगम क्षेत्र से 10 किमी के अंदर टोल नहीं लग सकता।
संजीव झा ने कहा कि मुंडका, बवाना और आसपास के जिन गांवों ने ज़मीन दी थी, अब उन्हीं को रोज़-रोज़ टोल भरना पड़ रहा है। खेती-बाड़ी से लेकर शादी-ब्याह तक, हर काम में आने जाने के लिए टोल देना पड़ रहा है? यह साफ लूट और मनमानी है। ‘‘आप’’ दिल्ली किसानों और गांव वालों की इस लड़ाई में पूरी ताकत से साथ खड़ी है।
संजीव झा ने कहा कि मुंडका टोल से गुजरने वाली यूईआर-2 सड़क का उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी ने किया था। यह दिल्ली का पहला टोल है, जो शहर के अंदर लगा है। नेशनल हाईवे फ्री नियम कहता है कि नगर निगम क्षेत्र से 10 किमी दूर टोल लगेगा। इसके बावजूद, दिल्ली के इतिहास में पहली बार 10 किलोमीटर क्षेत्र के अंदर टोल लगाया गया है और इस टोल की कीमत 334 रुपए है।
संजीव झा ने बताया कि यूईआर-2 के लिए टोल के आसपास के मुंडका, बवाना और अन्य गांवों की जमीन अधिग्रहित की गई। ग्रामीणों ने कम कीमत पर अपनी जमीन दी, अब उनसे ही टोल वसूला जा रहा है। उद्घाटन के समय स्थानीय भाजपा विधायक ने कहा था कि गांव वालों से टोल नहीं लिया जाएगा। लेकिन अब टोल शुरू होने पर सुरक्षा कर्मी लोगों को रोकते हैं। यह एक तरह की गुंडागर्दी है।
संजीव झा ने कहा कि गांव वाले लगातार इस मुद्दे पर आंदोलन कर रहे हैं। अगर किसी ग्रामीण को खेती के लिए जाना हो, तो उसे टोल पार करना पड़ता है। शादी-ब्याह में भी यही हाल है। उदाहरण के लिए, मुंडका से बवाना शादी में 20 बार जाना पड़े, तो 20 बार टोल देना होगा। यह सरासर गलत है। इस मुद्दे पर किसान धरना दे रहे हैं। यदि 20 किमी के दायरे में सभी गांवों के लिए टोल माफ नहीं किया गया, तो 21 सितंबर को फिर आंदोलन होगा।
संजीव झा ने कहा कि जब सरकारें सुनने को तैयार न हों, तो हंगामा करना पड़ता है। 21 सितंबर के आंदोलन में आम आदमी पार्टी के सभी नेता और कार्यकर्ता पूर्ण समर्थन देंगे। यह स्थानीय लोगों पर अत्याचार और मनमानी है। देश नियम-कानून से चलता है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने संसद में कहा था कि टोल 65 पैसे प्रति किमी लिया जाएगा। इस हिसाब से 40 किमी का टोल 24-30 रुपये ही बनता है। फिर 334 रुपये की भारी कीमत कैसे तय हुई? यह नितिन गडकरी के बयान का उल्लंघन है। आखिर यह लूट किसके साथ मिलकर हो रही है? नितिन गडकरी संसद में कुछ और कहते हैं, और जनता से कुछ और वसूला जाता है।
संजीव झा ने केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से मांग की कि यह अत्याचार बंद हो। दिल्ली के लोगों का शोषण रुकना चाहिए। अगर ऐसा नहीं हुआ, तो बड़ा आंदोलन होगा। आम आदमी पार्टी इस आंदोलन में स्थानीय ग्रामीणों के साथ कदम से कदम मिलाकर साथ खड़ी रहेगी, जब तक यह टोल हटाया नहीं जाता।






