The News Air – (मुंबई) महाराष्ट्र (Maharashtra) की महाअघाड़ी सरकार (Mahaghadi government) में सब कुछ ठीक नहीं है। 24 घंटे पहले शिवसेना नेता संजय राउत (Sanjay Raut) ने कांग्रेस (Congress) को सार्वजनिक तौर पर सलाह दी तो दूसरे दिन पार्टी के मुखपत्र सामना (Saamna) के ज़रिए जमकर हमला भी बोला है। सामना में लिखा गया है कि अब कांग्रेस की हालत एक जर्जर महल की तरह हो गई है। मुंबई समेत पूरे महाराष्ट्र के मुसलमान (Muslim) सिर्फ़ शिवसेना (Shivsena) को वोट देते हैं। बता दें कि एक दिन पहले राउत ने कहा था- गांधी भाई-बहनों को लोकमान्य तिलक से प्रेरणा लेनी चाहिए, जिन्होंने कांग्रेस को राजनीतिक क्रांति के हथियार में बदल दिया था।
महाराष्ट्र में इस समय कांग्रेस और एनसीपी (NCP) के साथ शिवसेना की महाअघाड़ी गठबंधन की सरकार है। इस गठबंधन में अब दरार के संकेत मिल रहे हैं। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (CM Uddhav Thackeray) की पार्टी शिवसेना ने सामना के संपादकीय में कांग्रेस पर निशाना साधा है। सामना में लिखा है कि अब कांग्रेस की हालत एक जर्जर महल की तरह हो गई है। ये भी दावा किया है मुंबई समेत पूरे महाराष्ट्र के मुसलमान सिर्फ़ शिवसेना को वोट देते हैं।
सामना के संपादकीय में ये लिखा है…
‘कांग्रेस की वर्तमान अवस्था गांव में ज़मींदारी गंवा चुके जर्जर महल की तरह हो रही है, ऐसा विश्लेषण शरद पवार जैसे नेता ने किया है, इसकी वजह से उनकी आलोचना हुई थी। मुस्लिम और दलित मतों की भरपूर जमा-पूंजी ज़मींदारी का फल था। इन्हीं मुस्लिम-दलितों की ‘नक़दी’ के कारण कांग्रेस का महल मज़बूत और आलीशान लगता था। आज ये दोनों खनखनाते सिक्के कांग्रेस की मुट्ठी से छूट गए और उत्तर प्रदेश, बिहार, आंध्रप्रदेश, पश्चिम बंगाल जैसे बड़े राज्यों में कांग्रेस का पतन हुआ है। मुंबई-महाराष्ट्र के मुसलमान खुलकर शिवसेना को वोट देते हैं।’
कांग्रेस ने मुस्लिम महिला अधिकार को खारिज किया
‘मुसलमानों के मतों के लिए फ़ालतू व्यर्थ दुलार ना करने वाली शिवसेना को मुस्लिम समाज अपना माने, यह कांग्रेस जैसी सेक्युलर पार्टी के लिए चिंतन का विषय है। राम की तुलना में बाबर की भक्ति में शासकों के लीन होने पर लोगों के असंतोष में विस्फोट हुआ और कांग्रेस उसमें जलने लगी। इस सच्चाई से इन्कार नहीं किया जा सकता है। शाहबानो प्रकरण में कांग्रेस ने पीड़ित मुसलमान महिला के अधिकार को खारिज कर दिया और शरीयत में न्यायालय ने हस्तक्षेप किया, ऐसा मानकर संविधान संशोधन किया। यह कुछ लोगों को नहीं जंचा, लेकिन मोदी सरकार ने बेख़ौफ होकर तीन तलाक़ विरोधी क़ानून बनाकर पीड़ित मुसलमान महिलाओं को ढ़ांढस दिया।’
बीजेपी के हिंदुत्ववाद की थाली बजाते हैं यूपी के सवर्ण
‘कांग्रेस को सिर्फ़ मुसलमान और ईसाइयों की ही चिन्ता है। अल्पसंख्यकों के चोंचलों को पूरा करना ही कांग्रेस की नीति है, ऐसी सोच लोगों में आज भी मज़बूती से बैठी हुई है, इसे दूर करना होगा। उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में प्रियंका गांधी ने एक नया दांव खेला है, लेकिन वहाँ मुसलमान और दलित अखिलेश यादव, मायावती का साथ देते हैं तो सवर्ण बीजेपी के हिंदुत्ववाद की थाली बजाते हैं, यह वास्तविकता ही है। कभी किसी समय देश में मुसलमान, दलित वोट बैंक की राजनीति होती थी और हिंदुओं के मन को नकार दिया जाता है, ऐसी भावना तीव्र थी। आज हिंदू वोट बैंक की राजनीति सफल हो रही है। बीजेपी उसी का ‘खा’ रही है।
एक दिन पहले संजय राउत ने ये कहा था…
शिवसेना के मुख पत्र सामना के संपादक और राज्य सभा सांसद संजय ने एक दिन पहले कांग्रेस (Congress) का बचाव किया था और मज़बूत विपक्ष के लिए कांग्रेस की प्रासंगिकता बताई थी। साथ ही कांग्रेस में रहकर सवाल करने वाले नेताओं को आड़े हाथों लिया था। संजय ने कांग्रेस की मज़बूती के लिए उनके योगदान पर सवाल किए थे। राउत ने साफ़ कहा है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) को संगठन को फिर से मज़बूत करने के लिए बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, उन्होंने यह भी बात कही कि दोनों भाई-बहन के काम करने के तौर-तरीके भले ही अलग हों लेकिन उनमें एकमत है। उन्होंने सलाह दी थी कि गांधी भाई-बहनों को लोकमान्य तिलक से प्रेरणा लेनी चाहिए, जिन्होंने कांग्रेस को राजनीतिक क्रांति के हथियार में बदल दिया था।