Indian Deportation from USA: अमेरिका (USA) से अवैध रूप से रह रहे 104 भारतीयों को निर्वासित (Deportation) किए जाने का मामला अब तूल पकड़ चुका है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और विदेश मंत्री एस जयशंकर (S. Jaishankar) से जवाब मांगा है।
बुधवार को एक अमेरिकी सैन्य विमान (US Military Aircraft) 104 निर्वासित भारतीयों को लेकर अमृतसर (Amritsar) पहुंचा। इन लोगों ने दावा किया कि पूरे सफर के दौरान उनके हाथ-पैरों में हथकड़ियां और जंजीरें लगी रहीं, जिन्हें अमृतसर पहुंचने के बाद ही खोला गया। इस अमानवीय व्यवहार को लेकर विपक्ष ने मोदी सरकार पर सवालों की झड़ी लगा दी है।
प्रियंका गांधी ने सरकार से पूछा सवाल
प्रियंका गांधी ने गुरुवार को कहा, “बहुत बातें कही गईं कि मोदी जी और ट्रंप (Donald Trump) अच्छे दोस्त हैं। अगर ऐसा है, तो फिर भारतीयों को हथकड़ी में क्यों भेजा गया? क्या हम उन्हें लाने के लिए अपना विमान नहीं भेज सकते थे?”
उन्होंने आगे कहा, “क्या यह सही तरीका है? क्या हमारे लोगों के साथ ऐसा बर्ताव होना चाहिए कि उन्हें अपराधियों की तरह जंजीरों में बांधकर भेजा जाए?”
संसद में विपक्ष का जोरदार हंगामा
इस मुद्दे को लेकर संसद (Parliament) में भी जोरदार हंगामा हुआ। कांग्रेस (Congress), समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और अन्य विपक्षी दलों ने सरकार की चुप्पी पर नाराजगी जाहिर की। कांग्रेस संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल (KC Venugopal), सपा सांसद धर्मेंद्र यादव (Dharmendra Yadav) और अन्य विपक्षी नेताओं ने संसद परिसर में हथकड़ी पहनकर प्रदर्शन किया।
विपक्षी सांसदों ने ‘देश का अपमान नहीं सहेंगे’ और ‘मोदी सरकार हाय हाय’ के नारे लगाते हुए मांग की कि सरकार इस मुद्दे पर तुरंत बयान जारी करे।
‘देश का अपमान सहन नहीं करेंगे’ – विपक्ष
कांग्रेस नेता गौरव गोगोई (Gaurav Gogoi) ने कहा कि भारतीयों को इस तरह लौटाया जाना सरकार की कमजोरी को दिखाता है। उन्होंने कहा, “महिलाओं समेत कई लोगों को अपराधियों की तरह जंजीरों में बांधकर भेजा गया। प्रधानमंत्री मोदी (Narendra Modi) की छवि उनके लिए ज्यादा मायने रखती है, देश की प्रतिष्ठा नहीं। यह सरकार की कूटनीतिक असफलता है।”
कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा, “अगर अमेरिका और भारत के राजनयिक संबंध इतने मजबूत हैं, तो फिर ऐसी घटनाएं क्यों हो रही हैं?”
शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने भी इस मुद्दे पर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा, “अमेरिका को अवैध अप्रवासियों को वापस भेजने का कानूनी अधिकार है, लेकिन उन्हें हथकड़ी लगाकर भेजना अमानवीय है। इसके लिए कमर्शियल फ्लाइट (Commercial Flight) का इस्तेमाल किया जा सकता था।”
टीएमसी (TMC) नेता कीर्ति आजाद (Kirti Azad) ने इस घटना को दर्दनाक बताया और सरकार से जवाब देने की मांग की।
सरकार की सफाई – ‘विपक्ष इसे राजनीतिक मुद्दा न बनाए’
सरकार की ओर से केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने कहा कि यह नीतिगत फैसला है और विपक्ष को इसका राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा, “सरकार उचित समय पर इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया देगी।”
क्या आगे हो सकता है?
- सरकार अमेरिका से इस मुद्दे पर औपचारिक बातचीत कर सकती है।
- विदेश मंत्रालय (MEA) इस मामले में औपचारिक बयान जारी कर सकता है।
- विपक्ष इस मामले को आगामी चुनावों में बड़ा मुद्दा बना सकता है।
- अमेरिका में रह रहे अन्य भारतीयों को भी इसी तरह वापस भेजा जा सकता है, जिससे यह विवाद और गहरा सकता है।
अमेरिका से निर्वासित भारतीयों के साथ हुए व्यवहार को लेकर भारत में राजनीतिक माहौल गरमा गया है। विपक्ष सरकार से जवाब मांग रहा है, वहीं सरकार इस मुद्दे को ज्यादा तूल न देने की कोशिश कर रही है। अब देखना होगा कि सरकार इस पर क्या कदम उठाती है और अमेरिका से इस मुद्दे को कैसे सुलझाया जाता है।