नई दिल्ली, 19 अक्टूबर (The News Air)
नए खेती कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन के बीच सिंघु बॉर्डर पर दशहरे वाली सुबह की गई पंजाबी युवक लखबीर सिंह की बर्बर हत्या में अब ‘फोटो बम’ फूटा है। सिंघु बॉर्डर पर बैठी निहंग जत्थेबंदियों के प्रमुखों में शामिल बाबा अमन सिंह की केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय कृषि एवं किसान भलाई राज्यमंत्री कैलाश चौधरी और कुछ दूसरे भाजपा नेताओं के साथ फोटो सामने आई हैं। इनमें नरेंद्र सिंह तोमर खुद बाबा अमन सिंह को सम्मानित करते दिख रहे हैं।
यह फोटो जुलाई 2021 में केंद्रीय कृषि एवं किसान भलाई राज्यमंत्री कैलाश चौधरी के आवास की हैं। निहंग बाबा अमन सिंह और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की फोटो सामने आने के बाद नया बवाल खड़ा हो गया है। 10 महीने से किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने लखबीर सिंह की हत्या को गहरे षड्यंत्र का नतीजा बताते हुए भाजपा पर सवाल उठाए हैं। संयुक्त किसान मोर्चा के नेता और किरती किसान यूनियन के प्रदेश उपाध्यक्ष रजिंदर सिंह दीपसिंहवाला ने कहा कि बाबा अमन सिंह और भाजपा नेताओं के बीच हुई इस मीटिंग के बाद गंदी राजनीति की बदबू आ रही है।
सिंघु बॉर्डर पर दलित युवक की बेरहमी से हत्या करने वाले निहंग ग्रुप के मुखी बाबा अमन सिंह की तीन फोटो वायरल हो रही हैं। इन तीनों फोटो में बाबा अमन सिंह केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर, सुखमिंदरपाल सिंह गरेवाल व अन्य भाजपा नेताओं के साथ दिखाई दे रहे हैं। यह फोटो जुलाई के अंत में केंद्रीय कृषि एवं किसान भलाई राज्य मंत्री कैलाश चौधरी के घर पर ली गई बताई जा रही हैं। एक फोटो में केंद्रीय मंत्री नरिंदर तोमर, बाबा अमन सिंह को सिरोपा डालते हुए नजर आ रहे हैं और दूसरी में बाबा अमन सिंह मंत्रियों और भाजपा नेताओं के साथ खाना खाते दिखाई दे रहे हैं।
मोर्चा पहले ही कर चुका बेअदबी मामले की जांच की मांग-संयुक्त किसान मोर्चा के सीनियर नेता राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव और बलवीर सिंह राजेवाल पहले ही कह चुके हैं कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। बेअदबी के सबूत सामने आने चाहिए और हत्यारों को सजा होनी चाहिए। यही नहीं उनकी ओर से यह भी कहा गया है कि वह निहंग सिंह संगठनों को मोर्चे से जाने को कह चुके हैं। यह धार्मिक संघर्ष नहीं, बल्कि किसान संघर्ष है। मगर इसके बावजूद वह मानने को तैयार नहीं हैं। अब निहंग सिंहों की तरफ से 27 अक्टूबर को बॉर्डर पर धार्मिक एकत्रता बुलाई गई है और कहा गया है कि वह इस दिन यहां से जाने का फैसला लेंगे।
बढ़ सकती हैं निहंगों की मुश्किलें-फोटो सामने आने के बाद से निहंगों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। पहले ही संयुक्त किसान मोर्चा समेत कई अन्य दल उनका विरोध कर रहे थे। यहां तक कि सिख प्रचारक रणजीत सिंह ढडरियां वाले तो इसके सबूत भी मांग चुके हैं। निहंगों के पक्ष में संयुक्त किसान मोर्चा के नहीं आने पर निहंगों की तरफ से कई तरह के बयान भी दिए गए थे। मगर अब भाजपा नेताओं के साथ फोटो जारी होने से उन्हें विरोध का सामना करना पड़ सकता है। इसका बचाव करना भी मुश्किल होगा।
दशहरे वाले दिन हुई थी दलित व्यक्ति की हत्या-दशहरे वाले दिन सिंघु बॉर्डर पर दलित व्यक्ति की निर्मम हत्या कर दी गई थी। लखबीर सिंह पर आरोप लगाया गया था कि उसने धार्मिक ग्रंथ की बेअदबी की है और इसलिए उसे मौत के घाट उतारा गया है। इस हत्याकांड की वीडियो भी लगातार वायरल हुई थी। इसके बाद चार निहंगों की तरफ से सरेंडर भी किया गया।