The News Air- (नई दिल्ली) Semiconductor Chip Shortage : दुनिया की नंबर 1 कार निर्माता टोयोटा मोटर कॉर्प (Toyota Motor Corp) को हाल के दिनों में सेमीकंडक्टर चिप की वैश्विक कमी की वजह से बड़ा नुक्सान उठाना पड़ा है। अक्टूबर के महीने में, टोयोटा ने 627,452 वाहनों का उत्पादन किया, जो 2020 के अक्टूबर में 845,107 यूनिट्स से 26% कम है। हालांकि सेमीकंडक्टर चिप की कमी से लगभग हर कंपनी का प्रोडक्शन प्रभावित हुआ है।
टोयोटा की global sales 20% गिरी
सेमीकंडक्टर चिप ( semiconductor) कार प्रोडक्शन में अहम रोल प्ले करता है। कोरोना संकट के बाद स्थितियों में जैसे ही सुधार हुआ है, दुनियाभर में व्हीकल की डिमांड एकदम से कई गुना बढ़ी है। वहीं टोयोटा (Toyota) के लिए चिप की कमी चिंता का एक बड़ा स्रोत रहा है। टोयोटा की बीते महीने global sales 20% गिरी है। कुल मिलाकर, सेमीकंडक्टर की कमी से वैश्विक ऑटो उद्योग ( global auto industry) को 210 बिलियन डॉलर का नुक्सान होने का अनुमान है।
स्थितियां सुधरने में लग सकता है एक साल
विश्व की नंबर 1 ऑटो कंपनी को भी आपूर्ति (supply) की समस्या उठानी पड़ रही है। हालांकि हर बड़ी ऑटो कंपनी (major auto company) के हाल एक जैसे ही हैं। ये समस्या अभी बनी हुई है। फ़िलहाल आगे का रास्ता बेहतर होने की संभावना नज़र नहीं आ रही है। दुनियाभर के एक्सपर्ट ये बताने के लिए तैयार नहीं है कि सेमीकंडक्टर की आपूर्ति कब सामान्य स्थिति में वापस आएगी। कुछ जानकारों का तो कहना है कि इसमें पूरा साल लग सकता है। यानि 2022 में भी स्थितियां बेहतर नहीं हो पाएंगी।
Covid-19 के Omicron वेरिएंट ने बढ़ाई चिंताएं
Covid-19 के Omicron वेरिएंट (Omicron variants of Covid-19) की वजह से एक बार फिर विश्व में चिंताएं गहरा गई हैं। इसका असर निश्चित तौर पर ऑटो सेक्टर पर पड़ने वाला है। बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर के चलते इस साल की शुरुआत में, टोयोटा को अपना प्रोडक्शन घटाना पड़ा था। जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन और यूरोप (Japan, United States, China and in Europe) में भी कंपनी ने अपना प्रोडक्शन घटाया था। एक बार फिर से ये ख़तरा ऑटो इंडस्ट्री पर मंडरा रहा है।
कंपनी नुक्सान पाटने की कोशिश में जुटी
हालांकि, तमाम चुनौतियों के बावज़ूद टोयोटा नवंबर 2021 में उत्पादन बढ़ाने पर जोरशोर से जुटी रही है। कंपनी ने इस महीने में लगभग 850,000 यूनिट का उत्पादन लक्ष्य तय किया है। लेकिन सवाल अब ये है कि क्या वास्तव में उत्पादन बढ़ने पर भी मांग बनी रहेगी, बहरहाल पूरी दुनिया एक बार फिर Covid-19 के Omicron वेरिएंट की वजह से चिंता में डूब गई है।