कोलकाता, 16 दिसंबर (The News Air) पश्चिम बंगाल की भाजपा इकाई राज्य में मनरेगा के तहत 100 दिन की नौकरी योजना के कार्यान्वयन में अनियमितताओं के खिलाफ 20 दिसंबर को कोलकाता की सड़कों पर एक बड़ा विरोध-प्रदर्शन करेगी।
संयोग से, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मनरेगा योजना के तहत लंबित केंद्रीय बकाया के बारे में चर्चा करने के लिए उसी दिन नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगी।
पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी के अनुसार, केंद्र सरकार पर अपने वैध बकाये का भुगतान करने का दबाव डालने वाली तृणमूल कांग्रेस के आरोप निराधार हैं, क्योंकि योजना के कार्यान्वयन में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण केंद्रीय राशि रोक दी गई है।
विपक्ष के नेता ने कहा, “जब तक भ्रष्ट व्यक्ति जेल नहीं जाएंगे तब तक एक पैसा भी नहीं दिया जाएगा। राज्य सरकार द्वारा केंद्र प्रायोजित योजना को राज्य की अपनी योजना के रूप में पेश करने की कुप्रथा के समाप्त होने के बाद ही राशि उपलब्ध करायी जायेगी। दरअसल, मुख्यमंत्री बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई की मार महसूस कर रही हैं। इसलिए वह बकाया पैसे का सिद्धांत पेश कर रही हैं।”
उन्होंने नई दिल्ली में निर्धारित पीएम-सीएम बैठक के पीछे विपक्ष के एक वर्ग द्वारा फैलाई गई “सेटिंग” सिद्धांत को भी खारिज कर दिया।
अधिकारी ने कहा, “प्रधानमंत्री ने बैठक के लिए मुख्यमंत्री को समय दिया क्योंकि वह विपक्ष के दायरे में विश्वास करते हैं। नई दिल्ली में होने वाली मुलाकात नरेंद्र मोदी और ममता बनर्जी के बीच नहीं होगी। यह मुलाकात देश के प्रधानमंत्री और एक राज्य की मुख्यमंत्री के बीच होगी। प्रधानमंत्री देश के संघीय लोकतांत्रिक ढांचे की रक्षा करने में विश्वास करते हैं।”