वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (माघ मेला) राजीव नारायण मिश्र (Rajiv Narayan Mishra) ने बताया कि मेले की सुरक्षा में 5,000 से अधिक कर्मी तैनात किए गए हैं, जिसमें नागरिक पुलिस, महिला पुलिस, घुड़सवार पुलिस, एलआईयू की टीम, खुफिया विभाग के अधिकारी, राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (SDRF), जल पुलिस आदि के कर्मी शामिल हैं। मिश्र के मुताबिक, मेले में ‘रिवर एंबुलेंस’ और ‘फ्लोटिंग’ (पानी में तैरती) पुलिस चौकी की भी व्यवस्था की गई है।
उन्होंने बताया कि सीसीटीवी कैमरों, शरीर पर धारण करने योग्य कैमरों और ड्रोन कैमरों से लोगों पर नजर रखी जा रही है। मौनी अमावस्या पर मेले में आए प्रमुख संतों-ज्योतिष पीठाधीश्वर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती, द्वारिका शारदा पीठाधीश्वर स्वामी सदानंद, सुमेरू पीठाधीश्वर स्वामी नरेंद्रानद सरस्वती, किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर कौशल्या नंद गिरि आदि शामिल हैं।
वहीं, उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी शनिवार सुबह संगम में डुबकी लगाई। शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी सदानंद ने बताया कि प्रयागराज में मौनी अमावस्या पर मौन रहकर संगम में स्नान करने से मन के पाप नष्ट हो जाते हैं और इस बार मौनी अमावस्या पर शनि अमावस्या का महायोग होने से गंगा स्नान विशेष फलदायी है। माघ मेले का अगला स्नान 26 जनवरी को बसंत पंचमी, पांच फरवरी को माघी पूर्णिमा और 18 फरवरी को महाशिवरात्रि पर पड़ेगा, जिसके साथ माघ मेला संपन्न हो जाएगा।