Jalandhar Terror Attack : पंजाब (Punjab) के जालंधर (Jalandhar) में पूर्व कैबिनेट मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मनोरंजन कालिया (Manoranjan Kalia) के घर हुए आतंकी हमले के बाद जांच एजेंसियों की सक्रियता बढ़ गई है। इस आतंकी हमले में दो संदिग्धों को दिल्ली (Delhi) से गिरफ्तार किया गया है और मामले की गंभीरता को देखते हुए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) भी जांच के लिए जल्द जालंधर पहुंच सकती है।
यह ग्रेनेड हमला 7-8 अप्रैल की दरमियानी रात करीब 1:03 बजे हुआ जब कुछ हमलावर किराए पर लिए गए ई-रिक्शा (E-Rickshaw) से कालिया के घर पहुंचे और घर पर हैंड ग्रेनेड (Hand Grenade) फेंक कर फरार हो गए। घटना का पूरा घटनाक्रम सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हो गया, जिसमें हमलावरों को मुंह ढके हुए देखा गया। उस समय मनोरंजन कालिया अपने परिवार के साथ घर पर मौजूद थे।
पुलिस ने इस हमले के तुरंत बाद कार्रवाई करते हुए 12 घंटे के भीतर दो आरोपियों को गिरफ्तार किया। उनकी पहचान रविंदर कुमार (Subhana Road, Gurdwara) और सतीश उर्फ काका उर्फ लक्का (Bhargav Camp) के रूप में हुई। इनकी निशानदेही पर दिल्ली से दो और संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया। हालांकि पंजाब पुलिस (Punjab Police) ने अभी तक इस पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।
आरोपियों को मंगलवार को कोर्ट में पेश किया गया और रिमांड पर लिया गया है। इस दौरान बीजेपी नेता फतेह जंग सिंह बाजवा (Fatehjung Singh Bajwa) सहित कई नेता कालिया से मिलने पहुंचे और उनका हौसला बढ़ाया।
इस हमले को लेकर पंजाब पुलिस के लॉ एंड ऑर्डर DGP अर्पित शुक्ला (Arpit Shukla) ने बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि इस पूरे हमले की साजिश पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI द्वारा रची गई थी। इसमें पाकिस्तान (Pakistan) में बैठा डॉन शहजाद भट्टी (Shehzad Bhatti), जीशान अख्तर (Zeeshan Akhtar) और लॉरेंस गैंग (Lawrence Gang) के लिंक भी सामने आए हैं।
मनोरंजन कालिया को पंजाब सरकार की ओर से पहले से ही चार गनमैन की सुरक्षा मिली हुई है। यह हमला शास्त्री मार्केट चौक (Shastri Market Chowk) के पास हुआ, जो जालंधर का बेहद व्यस्त और हाई सिक्योरिटी क्षेत्र माना जाता है। चौक से महज 50 मीटर दूर पंजाब पुलिस की पीसीआर टीम हमेशा तैनात रहती है और 100 मीटर दूर पुलिस स्टेशन डिवीजन नंबर-3 (Police Station Division No-3) है। इसके बावजूद आतंकी बेखौफ होकर हमला कर फरार हो गए।
अब जब इस हमले में अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन और आतंकवादी संगठनों के लिंक सामने आ चुके हैं, तो यह स्पष्ट है कि यह हमला महज किसी व्यक्तिगत रंजिश का हिस्सा नहीं बल्कि भारत की आंतरिक सुरक्षा को चुनौती देने की सुनियोजित साजिश थी।
NIA की टीम द्वारा जांच शुरू होने के बाद इस हमले के पीछे की पूरी सच्चाई सामने आने की उम्मीद है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।