Public Dance Ban: दिल्ली (Delhi) की तीस हजारी कोर्ट (Tis Hazari Court) ने हाल ही में सात महिलाओं को अश्लील डांस और सार्वजनिक अश्लीलता के आरोपों से बरी कर दिया। इन महिलाओं पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 294 के तहत मामला दर्ज किया गया था।
अदालत ने यह स्पष्ट कर दिया कि छोटे कपड़े पहनना या गानों पर डांस करना अपराध नहीं माना जा सकता, जब तक कि वह किसी अन्य व्यक्ति को परेशान न करे।
क्या था पूरा मामला?
- पहाड़गंज (Paharganj) पुलिस स्टेशन में पिछले साल इन महिलाओं के खिलाफ केस दर्ज किया गया था।
- पुलिस के अनुसार, यह महिलाएं बार (Bar) में छोटे कपड़े पहनकर अश्लील गानों पर डांस कर रही थीं।
- एक सब-इंस्पेक्टर (Sub-Inspector) धर्मेंद्र की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया गया था।
- लेकिन कोर्ट ने माना कि कोई भी ऐसा सबूत नहीं मिला जिससे यह साबित हो सके कि डांस से कोई व्यक्ति असहज हुआ था।
Court ने क्या कहा?
अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नीतू शर्मा (Neetu Sharma) ने सुनवाई के दौरान कहा कि छोटे कपड़े पहनना या पब्लिक प्लेस में डांस करना अपने आप में कोई अपराध नहीं है।
उन्होंने कहा,
“जब तक यह साबित न हो कि किसी व्यक्ति को इस डांस से असहजता हुई है, तब तक इसे अपराध नहीं माना जा सकता।”
क्या सार्वजनिक रूप से डांस करने पर हो सकती है सजा?
✅ अगर डांस अश्लील हो और किसी को असहज करे, तो कार्रवाई संभव
✅ लेकिन सिर्फ छोटे कपड़े पहनकर डांस करने पर कोई सजा नहीं
✅ पुलिस को ठोस सबूत देने होंगे कि सार्वजनिक स्थान पर किया गया डांस आपत्तिजनक था
पुलिस की कहानी में क्यों आई खामियां?
अदालत ने अपने फैसले में कहा कि पुलिस इस मामले में कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर सकी।
- कोई भी गवाह यह साबित नहीं कर सका कि डांस से लोग असहज हुए थे।
- एसआई धर्मेंद्र ड्यूटी रोस्टर या पेट्रोलिंग का कोई सबूत नहीं दे पाए।
- अदालत ने कहा कि पुलिस ने एक कहानी बनाई, लेकिन उसे जनता का समर्थन नहीं मिला।
क्या अब किसी भी पब्लिक प्लेस पर डांस करना कानूनी रूप से सही है?
नहीं, ऐसा नहीं है! हालांकि दिल्ली कोर्ट (Delhi Court) ने यह स्पष्ट किया कि छोटे कपड़े पहनकर डांस करना अपराध नहीं है, लेकिन अगर यह किसी व्यक्ति को असहज महसूस कराता है, तो इसे अश्लीलता माना जा सकता है।
अगर पब्लिक प्लेस (Public Place) पर किया गया डांस किसी को असहज महसूस कराता है, तो भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 294 के तहत कार्रवाई हो सकती है।
पब्लिक प्लेस में डांस करने पर किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
- कानूनी रूप से अश्लीलता की परिभाषा को ध्यान में रखें।
- अगर डांस से किसी को असहज महसूस हो, तो यह अपराध बन सकता है।
- बार, क्लब, या अन्य पब्लिक प्लेस में नियमों का पालन करना जरूरी है।
क्या दिल्ली कोर्ट का यह फैसला मिसाल बनेगा?
दिल्ली कोर्ट का यह फैसला महिलाओं के अधिकार और पब्लिक प्लेस पर उनके पहनावे को लेकर एक महत्वपूर्ण कानूनी स्टैंड रखता है।
लेकिन, यह फैसला यह नहीं कहता कि कोई भी व्यक्ति कहीं भी किसी भी तरह का डांस कर सकता है।
अब देखना होगा कि भविष्य में इस तरह के मामलों में अन्य राज्यों की अदालतें क्या रुख अपनाती हैं।