The News Air- (चंडीगढ़) दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल ने मोहाली में टीचरों से कहा कि आप 2003 से भर्ती हुए हो। इसके बाद 18 साल में 10 साल अकाली और 8 साल कांग्रेस के रहे लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया। एक बार एक मौक़ा अपने इस छोटे भाई को देकर देखो। अगर हम न करें तो हमें लात मारकर भगा देना। एक बार मुझ पर भी विश्वास करके देखो।
केजरीवाल ने कहा कि हम भी आंदोलन से निकले हुए हैं। हमारा मिशन है कि जहां भी जाओ, स्कूल पहले ठीक करो। जब तक आप परेशान होंगे, हम सुधार नहीं कर सकते। दिल्ली के टीचरों को हमने ट्रेनिंग के लिए फॉरेन भेजा। केजरीवाल ने कहा कि टीचरों को पक्का तो हर हाल में करेंगे।
चन्नी सरकार पर हमला, कौन से 36 हज़ार कर्मचारी पक्के किए
केजरीवाल ने कहा कि वह एयरपोर्ट से मोहाली आए तो होर्डिंग देखे कि 36 हज़ार कर्मचारी पक्के कर दिए हैं। केजरीवाल ने पूछा कि इनमें कितने टीचर पक्के हुए तो टीचरों ने इससे इन्कार कर दिया। केजरीवाल ने कहा कि इससे पहले सफ़ाई कर्मचारियों ने कहा कि उन्हें भी पक्का नहीं किया गया।
केजरीवाल ने पूछा कि 36 हज़ार कौन से कर्मचारी पक्के किए गए?। पंजाब सरकार झूठ बोल रही है। केजरीवाल ने कहा कि हमने किसी टीचर को नहीं निकाला। दिल्ली में सरकारी स्कूल अच्छे हुए तो वह केजरीवाल या मनीष सिसौदिया ने नहीं बल्कि टीचरों ने किए हैं।
दिल्ली में मसले हल कर चुके, पंजाब में भी करेंगे
स्कूलों में पहले पढ़ाई नहीं होती थी। सरकारी स्कूलों का माहौल ख़राब था। केजरीवाल ने कहा कि मैं भी वादा कर रहा हूं कि सरकार आई तो पक्का करेंगे। मैं इसलिए कह रहा हूं कि दिल्ली में मसले हल किए हैं तो पंजाब का भी करेंगे। पंजाब के कई स्कूलों में 7वीं तक एक भी टीचर नहीं है। कहीं एक ही टीचर है। यहां सिर्फ़ पुताई कर उसे स्मार्ट स्कूल बता देते हैं।
टीचरों को यहां 6 हज़ार वेतन मिल रहा, दिल्ली में मज़दूर को भी 15 हज़ार मिलते हैं
परगट सिंह कहते हैं कि हमारे स्कूल देश में सबसे अच्छे हैं। परगट को यहां आकर टीचरों से पूछना चाहिए कि स्कूल कितने अच्छे हैं। केजरीवाल ने कहा कि टीचर कह रहे कि हमें 6-6 हज़ार मिलते हैं। दिल्ली में एक मज़दूर को भी 15 हज़ार रुपए मिलते हैं।
इससे पहले टीचरों ने कहा कि उनके साथ कैप्टन अमरिंदर सिंह, मनप्रीत बादल समेत कई नेताओं ने वादे किए। वह नेताओं से अपील करते हैं कि वादे वही करें, जिसे वह पूरा कर सकें।
भगवंत मान बोले- स्कूलों को बाहर से रंग करने से कुछ नहीं होगा
इस मौक़े आप के पंजाब प्रधान भगवंत मान ने कहा कि जिन्होंने पंजाब के बच्चों का भविष्य बनाना था, वह अपने भविष्य के लिए लड़ रहे। ऐसे में बच्चे पंजाब से बाहर नहीं जाएंगे तो कहां जाएंगे?। उन्होंने कहा कि पंजाब लावारिस हो गया है।
टीचरों को टावरों पर चढ़ना पड़ रहा है और सरकारें सिर्फ़ ऐलान कर रही हैं। स्कूल को बाहर से रंग करने से स्मार्ट नहीं बनता। स्कूल के अंदर से बच्चा क्या सीखकर आता है। टीचरों को क्या माहौल मिलता है, इस पर बहुत कुछ निर्भर होता है। पंजाब के स्कूलों में कहीं टीचर ही नहीं तो कहीं चपरासी के भरोसे चल रहे हैं। टीचरों को मिड डे मील का भी ज़िम्मा दिया गया है।
टीचरों में कमी नहीं लेकिन उन्हें 6 हज़ार रुपया महीना दिया जा रहा है। सरकार को शर्म भी नहीं आती। यह कड़वा मज़ाक़ है कि इतनी डिग्रियां लेकर अब धरनों में लाठियां, पानी की बौछारें खाकर ओवर एज हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि चन्नी सरकार बिजली बिल माफ़ी की बात कह रही है। आज कुछ लोग बिजली बिल लेकर भी आ रहे हैं। उनसे भी चन्नी सरकार के दावों की पड़ताल करेंगे। केजरीवाल लांडरा में व्यापारियों से भी मुलाक़ात करेंगे।
केजरीवाल का यह दौरा इसलिए अहम है, क्योंकि पिछले तीन दिन से पंजाब के शिक्षा मंत्री परगट सिंह और दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसौदिया के बीच बहस चल रही है। सिसौदिया की खुली बहस के चैलेंज को परगट सिंह स्वीकार कर चुके हैं। ट्विटर पर दोनों के बीच सियासी ज़ंग चल रही है।
सिसौदिया बोले- टीचर बताएंगे स्कूलों की हालत कैसी?
पंजाब और दिल्ली के शिक्षा मंत्री के बीच चली बहस के बाद मनीष सिसौदिया ने कहा कि अब पंजाब के टीचर ही बताएंगे कि वहाँ के स्कूलों की हालत क्या है? इसलिए अरविंद केजरीवाल मोहाली में टीचरों के प्रदर्शन में पहुंच रहे हैं।
इससे पहले सिसौदिया ने परगट को 10-10 स्कूलों की तुलना के लिए कहा था, जिसके जवाब में परगट ने कहा कि वे दोनों जगहों के 250-250 स्कूलों की तुलना करेंगे। हालांकि परगट ने दिल्ली और पंजाब की भौगोलिक और आर्थिक स्थिति का तर्क देकर बचाव की भी कोशिश की।
केजरीवाल की गारंटी से शुरू हुआ सियासी विवाद
केजरीवाल कुछ दिन पहले अमृतसर पहुंचे थे। जहां उन्होंने टीचरों को 8 गारंटी दी। जिसमें अस्थाई अध्यापकों को स्थाई करने से लेकर ट्रांसफर पॉलिसी तक अच्छी बनाने का दावा किया गया। इसके बाद पंजाब के शिक्षा मंत्री परगट सिंह ने केजरीवाल को घेरने की कोशिश की।
उन्होंने स्कूल एजुकेशन के नेशनल परफॉर्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स (NPGI) का हवाला देते हुए कहा कि पंजाब टॉप और दिल्ली 6वें नंबर पर है। इसलिए केजरीवाल पहले दिल्ली के स्कूल सुधारें और फिर पंजाब की चिन्ता करें।