अब तक माना जाता था कि माउंट एवरेस्ट (Mount Everest) दुनिया का सबसे ऊंचा पहाड़ है, जिसकी ऊंचाई 8.8 किलोमीटर है। लेकिन हाल ही में प्रकाशित एक शोध ने इस धारणा को चुनौती दी है। जर्नल Nature में छपे इस शोध के मुताबिक, पृथ्वी की सतह के नीचे 1000 किलोमीटर ऊंचे पहाड़ मौजूद हैं। ये पहाड़ न केवल माउंट एवरेस्ट से ऊंचे हैं, बल्कि लगभग 500 मिलियन साल (आधा अरब वर्ष) पुराने भी हैं।
वैज्ञानिकों ने इन पहाड़ों को अफ्रीका और प्रशांत महासागर (Pacific Ocean) के नीचे खोजा है। ये चट्टानें पृथ्वी की परतों मेंटल (Mantle) और कोर (Core) की बाउंड्री पर स्थित हैं।
कैसे हुई इन पहाड़ों की खोज?
वैज्ञानिकों ने यह खोज सिस्मिक शॉकवेव्स (Seismic Shockwaves) का इस्तेमाल करके की। जब बड़े भूकंप आते हैं, तो वे धरती को एक विशाल घंटी की तरह हिलाते हैं। इन भूकंपों से निकलने वाली तरंगें जब पृथ्वी के कोर और मेंटल की बाउंड्री से टकराती हैं, तो उनकी दिशा और गति बदल जाती है।
शोधकर्ताओं ने इन तरंगों का विश्लेषण किया और पाया कि पृथ्वी की परतों के नीचे दो विशालकाय संरचनाएं हैं। ये संरचनाएं एक अर्ध-ठोस क्षेत्र (Semi-Solid Area) में स्थित हैं, जो अफ्रीका (Africa) और प्रशांत महासागर के नीचे मौजूद है।
- मेंटल और कोर का रहस्य:
पृथ्वी में तीन मुख्य परतें होती हैं—क्रस्ट (Crust), मेंटल (Mantle), और कोर (Core)। क्रस्ट सबसे ऊपरी परत है, जबकि कोर सबसे भीतरी। ये पहाड़ मेंटल और कोर की बाउंड्री पर स्थित हैं।
माउंट एवरेस्ट से 100 गुना ऊंचे पहाड़
शोध के अनुसार, इन पहाड़ों की ऊंचाई 1000 किलोमीटर है, जो माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई से 100 गुना ज्यादा है। हालांकि, ये पहाड़ सतह पर नहीं बल्कि पृथ्वी के भीतर गहराई में छिपे हुए हैं।
- शोध में क्या कहा गया?
वैज्ञानिकों का कहना है कि ये पहाड़ अरबों साल पुराने हो सकते हैं और किसी “सुपरकॉन्टिनेंट” के टूटने से बने हैं। लेकिन अभी यह साफ नहीं है कि ये पहाड़ स्थायी संरचनाएं हैं या किसी अस्थायी बदलाव का हिस्सा।
भविष्य में क्या हो सकता है?
वैज्ञानिक अब इन संरचनाओं की और गहराई से जांच कर रहे हैं। इन पहाड़ों की खोज न केवल पृथ्वी के भूवैज्ञानिक इतिहास को समझने में मदद कर सकती है, बल्कि यह भी संकेत देती है कि पृथ्वी की संरचना हमारे अनुमान से कहीं ज्यादा जटिल है।
क्या ये पहाड़ असली चमत्कार हैं?
यह खोज दिखाती है कि हमारी धरती के अंदर छिपे रहस्य अभी पूरी तरह से उजागर नहीं हुए हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार, इन पहाड़ों का अस्तित्व यह साबित करता है कि पृथ्वी के विकास की कहानी में अभी कई अध्याय लिखे जाने बाकी हैं।
अब आपका क्या ख्याल है? क्या ये खोज भविष्य में माउंट एवरेस्ट की जगह ले सकती है? हमें अपने विचार जरूर बताएं।